कालाधन रखने वालों को अनुपालन खिड़की ‘माफी योजना’ नहीं: जेटली
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कालाधन रखने वालों को अनुपालन खिड़की ‘माफी योजना’ नहीं: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्पष्ट किया है कि घरेलू कालाधन रखने वालों के लिए जो सीमित अवधि की अनुपालन खिड़की की सुविधा की पेशकश की गई है, वह माफी योजना नहीं है। बेहिसाबी धन की घोषणा करने वालों को इस अनुपालन खिड़की के तहत 45 प्रतिशत का कर देना होगा, जबकि सामान्य कर की दर 30 प्रतिशत है। सरकार ने बजट में घरेलू स्तर पर कालाधन रखने वालों के लिए एक अनुपालन खिड़की की सुविधा की घोषणा की है।

कालाधन रखने वालों को अनुपालन खिड़की ‘माफी योजना’ नहीं: जेटली

नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्पष्ट किया है कि घरेलू कालाधन रखने वालों के लिए जो सीमित अवधि की अनुपालन खिड़की की सुविधा की पेशकश की गई है, वह माफी योजना नहीं है। बेहिसाबी धन की घोषणा करने वालों को इस अनुपालन खिड़की के तहत 45 प्रतिशत का कर देना होगा, जबकि सामान्य कर की दर 30 प्रतिशत है। सरकार ने बजट में घरेलू स्तर पर कालाधन रखने वालों के लिए एक अनुपालन खिड़की की सुविधा की घोषणा की है।

उद्योग चैंबरों के साथ बजट बाद परिचर्चा में जेटली ने कहा कि माफी योजना में आप सिर्फ कर अदा करते हैं और ‘साफ सुथरे’ हो जाते हैं। अघोषित आय और संपत्ति की घोषणा करने वालों के लिए चार माह की खिड़की 1 जून से खुलेगी। इसके तहत वे 30 प्रतिशत का सामान्य कर, 15 प्रतिशत का जुर्माना और अधिभार अदा कर मुकदमे से बच सकते हैं। जेटली ने कहा कि जो आय आकलन के दायरे में नहीं आई है, उनके लिए हमने अनुपालन खिड़की की सुविधा पेश की है। आपको इसमें उंचा कर देना होगा। यह माफी योजना नहीं है, क्‍योंकि इसमें आपको सामान्य से 50 प्रतिशत अधिक कर देना होगा। यही नहीं कर का भुगतान मौजूदा मूल्य पर करना होगा, पुराने अनुमानित मूल्य पर नहीं।

अघोषित संपत्ति की घोषणा करने पर 30 प्रतिशत की दर से सामान्य कर लगेगा। साथ ही इस पर 7.5 प्रतिशत का जुर्माना और 7.5 प्रतिशत का अधिभार देना होगा। पिछले साल सरकार ने विदेशों में बेहिसाबी धन रखने वालों के लिए ऐसी ही एक योजना की घोषणा की थी। विदेशों में कालाधन रखने वालों के लिए 90 दिन की योजना के तहत कुल 4,147 करोड़ रुपये की अघोषित धन की घोषणा की गई थी। यह अनुपालन खिड़की 30 सितंबर, 2015 को बंद हुई थी। 60 प्रतिशत की दर यानी 30 प्रतिशत कर और 30 प्रतिशत जुर्माने के हिसाब से सरकार ने इन घोषणाओं से 2,500 करोड़ रपये का कर जुटाया था। सरकार ने वर्ष 1997 में घरेलू कालाधन माफी योजना से 10,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। सोमवार को लोकसभा में 2016-17 का बजट पेश करते हुए जेटली ने कहा था कि सरकार अर्थव्यवस्था से काले धन को पूरी तरह समाप्त करने को प्रतिबद्ध हैं।

 

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