2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को मिला 'ट्रंप कार्ड', ऐसे निपटेगी BJP से
Advertisement

2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को मिला 'ट्रंप कार्ड', ऐसे निपटेगी BJP से

राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई. 

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भाग लेते राहुल गांधी. (फोटो : कांग्रेस के Twitter हैंडिल से)

शादाब सिद्दीकी, नई दिल्‍ली: राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार (04 अगस्‍त) को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई. इसमें असम के एनआरसी, राफेल डील, पीएनबी फ्रॉड के आरोपी मेहुल चौकसी और देश के वर्तमान आर्थिक हालात पर चर्चा हुई. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अहमद पटेल, मुकुल वासनिक, अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी सहित 30 से ज्यादा महत्वपूर्ण नेता शामिल हुए. 

एनआरसी कांग्रेस की देन पर बीजेपी ने इसकी रूपरेखा बिगाड़ दी
इस बैठक में ज्यादातर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि एनआरसी का कॉन्सेप्ट कांग्रेस पार्टी लेकर आई थी, जिसका मकसद विदेशियों की पहचान करना था और यह काम कांग्रेस ने तेजी से किया, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ध्रुवीकरण के लिए इस पूरे मामले में झूठ बोल रही है. इसके अलावा कांग्रेस कार्यसमिति में यह तय किया गया है कि मेहुल चौकसी और राफेल डील के मुद्दे पर पार्टी देशभर में आंदोलन करेगी. इसकी रूपरेखा जल्द तैयार होगी. कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि राफेल डील से देश को 48 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. यह सीधे तौर पर भ्रष्टाचार का मामला है जिसमें एक कंपनी को फायदा पहुंचाया गया.

fallback

छूटे लोगों में हिन्‍दू बंगाल और नेपाली गोरखा
कांग्रेस कार्यसमिति समिति की बैठक के बाद रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एनआरसी की पूरी प्रक्रिया-असम एकॉर्डिंग, जिसको पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने शुरू किया था, उसके तहत चालू की गई. इसमें सभी की राय ली गई थी ताकि विदेशी नागरिकों की पहचान हो सके. 2009 की मनमोहन सिंह की सरकार ने 490 करोड़ रुपए एनआरसी के लिए दिए थे. इसके तहत विदेशियों की पहचान करना थी लेकिन 40 लाख लोग छूट गए हैं. इसमें हिन्‍दू बंगाली, नेपाली गोरखा साथी,  रिलीजियस माइनॉरिटी के साथी हैं. यहां तक कि यूपी, बिहार, तमिलनाडु और दूसरे प्रांतों से आए लोग वहां बस गए वह लोग छूट गए हैं. कांग्रेस वर्किंग कमेटी का मानना है कि हर भारतीय नागरिक को अपनी नागरिकता साबित करने का मौका मिलना चाहिए हम उनको पूरी मदद करेंगे जो भारतीय नागरिक हैं.

कांग्रेस ने 82 हजार विदेशी डिपोर्ट किए पर बीजेपी सिर्फ 1522 को भेज पाई
असम की कांग्रेस सरकार ने 82000 विदेशियों को यहां से डिपोर्ट किया था और यह कांग्रेस सरकार ने किया था, जबकि केंद्र की नरेंद्र सरकार ने 4 साल में सिर्फ 1522 लोगों को देश से बाहर भेजा, यह नरेंद्र मोदी सरकार की सच्चाई है यह सरकार ने संसद के पटल पर रखा. बीजेपी एनआरसी की पूरी प्रक्रिया को सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने के षड्यंत्र तौर पर इस्तेमाल कर रही है.

देखें : सोनिया गांधी की तबीयत खराब, कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में नहीं आईं

राफेल डील से देश में भ्रष्‍टाचार फैलाया गया 
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राफेल डील के मुद्दे पर भी व्यापक चर्चा हुई. इस सौदे से देश को 48 हजार करोड़ों का चूना लगाया गया. क्यों प्रधानमंत्री ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी से अनुमति लेने की अवहेलना नहीं की. क्यों प्रधानमंत्री ने कॉन्ट्रैक्ट नेगोशिएशन एक्शन कमेटी की अवहेलना की. राफेल के मुद्दे पर कांग्रेस मोदी सरकार से जवाब मांगेगी और हम सड़क पर संघर्ष भी करेंगे. आए दिन हो रहे बैंक घोटाले को लेकर भी कांग्रेस कार्यसमिति ने चिंता जताई है. 72 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है और घोटालेबाजों को मोदी सरकार का संरक्षण प्राप्त है. मोदी सरकार के विदेश मंत्रालय ने मेहुल चौकसी को क्लीन चिट दी जिससे उन्हें एंटीगुआ की नागरिकता मिली, मोदी सरकार के संरक्षण में ही मेहुल 24 महाघोटाला करके भाग गया.

Trending news