मंहगाई की मार में आशियाना भी अब आसानी से मंजूर नहीं! जानिए देश में घर बनाना हुआ कितना महंगा
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मंहगाई की मार में आशियाना भी अब आसानी से मंजूर नहीं! जानिए देश में घर बनाना हुआ कितना महंगा

Construction Cost: देश के बड़े शहरों में औसत आवास निर्माण लागत अक्टूबर 2020 में 2000 रुपये प्रति वर्ग फुट थी. अक्तूबर 2021 में निर्माण लागत बढ़कर 2200 रुपये प्रति वर्ग फुट और अक्टूबर 2022 में 2300 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई.

मंहगाई की मार में आशियाना भी अब आसानी से मंजूर नहीं! जानिए देश में घर बनाना हुआ कितना महंगा

Construction Cost In India: भारत के बड़े शहरों में आवास परियोजनाओं के निर्माण की औसत लागत पिछले चार वर्षों में 39 प्रतिशत बढ़कर 2,780 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई है. यह बढ़ोत्तरी निर्माण सामग्री और श्रम की बढ़ती दरों के कारण हुई है. 

रियल एस्टेट परामर्श कंपनी कोलियर्स इंडिया के अनुसार, प्रीमियम आवास परियोजनाओं के लिए औसत निर्माण लागत अक्टूबर 2020 में 2000 रुपये प्रति वर्ग फुट थी. अक्तूबर 2021 में निर्माण लागत बढ़कर 2200 रुपये प्रति वर्ग फुट और अक्टूबर 2022 में 2300 रुपये प्रति वर्ग फुट तो अक्टूबर 2023 में 2500 रुपये प्रति वर्ग फुट और अक्टूबर 2024 में 2780 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई. 

कोलियर्स इंडिया ने कहा कि ये 15 मंजिलों वाली ग्रेड ए आवासीय इमारत के लिए औसत लागत हैं. सलाहकार ने कहा कि यह आंकड़ा महानगरों (टियर-1) शहरों से संबंधित है. 

एक साल में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी

पिछले एक साल में आवासीय परियोजनाओं के निर्माण की औसत लागत में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, क्योंकि श्रम लागत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और रेत, ईंट, कांच, लकड़ी आदि जैसी निर्माण सामग्री की कीमतों में मामूली वृद्धि हुई है. 

उल्लेखनीय रूप से, सीमेंट, स्टील, तांबा और एल्युमीनियम सहित चार प्रमुख निर्माण सामग्रियों की कीमतों में वृद्धि का कुल प्रभाव अपेक्षाकृत कम रहा है. पिछले 12 महीनों में सीमेंट की औसत कीमतों में 15 प्रतिशत की भारी गिरावट देखी गई है, जबकि स्टील की औसत कीमतों में एक प्रतिशत की कमी देखी गई है. 

क्यों लगातार बढ़ रही लागत

सलाहकार ने बताया कि पिछले एक साल में श्रम लागत में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. तांबे और एल्युमीनियम की औसत दर में क्रमशः 19 प्रतिशत और पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है. कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बादल याग्निक ने कहा, "हालांकि पिछले वर्ष प्रमुख निर्माण सामग्रियों की कीमतों में वृद्धि अपेक्षाकृत मामूली थी, लेकिन श्रम लागत के कारण निर्माण की समग्र लागत बढ़ रही है."

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