'उपभोक्ताओं को मिलेगा बिजली वितरण कंपनी चुनने का विकल्प'
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'उपभोक्ताओं को मिलेगा बिजली वितरण कंपनी चुनने का विकल्प'

उपभोक्ताओं को जल्द ही अपनी बिजली आपूर्ति कंपनी चुनने का अधिकार मिल सकता है। सरकार बिजली अधिनियम में इस संबंध में आवश्यक संशोधन कर रही है। इन संशोधनों का मकसद वितरण क्षेत्र में ज्यादा प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना है।

नई दिल्ली : उपभोक्ताओं को जल्द ही अपनी बिजली आपूर्ति कंपनी चुनने का अधिकार मिल सकता है। सरकार बिजली अधिनियम में इस संबंध में आवश्यक संशोधन कर रही है। इन संशोधनों का मकसद वितरण क्षेत्र में ज्यादा प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना है।

सरकार बिजली उत्पादन के बाद अब बिजली वितरण पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है जिसे अक्सर बिजली क्षेत्र का सबसे कमजोर पक्ष करार दिया जाता है। बिजली एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि उक्त प्रावधान के तहत उपभोक्ता को अपनी वितरण कंपनी चुनने का अधिकार देने पर विचार हो रहा है।

मंत्री ने सीआईआई के एक समारोह में कहा, ‘हम विद्युत आपूर्ति क्षेत्र में अंतिम बिंदु तक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने पर विचार कर रहे हैं ताकि उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति में विकल्प उपलब्ध हो। इससे राज्यों को भी जनता की बेहतर सेवा करने में मदद मिलेगी।’ गोयल ने आश्वस्त किया कि जहां भी मौजूदा बिजली खरीद समझौते हैं संबद्ध पक्षों के हितों की रक्षा की जाएगी जो बिजली नियामक की सलाह पर किया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि अंतिम मुकाम तक अपूर्ति के संबंध में प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन दिया जाएगा ताकि शुल्क में कमी हो सके, प्रतिस्पर्धात्मकता हो और उपभोक्ता सेवा बेहतर हो। यह पूछने पर कि क्या उपभोक्ता अपनी बिजली वितरण कंपनी खुद चुन सकेंगे, गोयल ने कहा कि ऐसा धीरे-धीरे किया जाएगा। महाराष्ट्र में ऐसी कोशिश हुई तो लेकिन कुछ अदालती फैसलों के कारण ये आगे नहीं बढ़ सकीं।

मंत्री से जब यह पूछा गया कि महाराष्ट्र में इसे अपनाया गया लेकिन यह वांछित परिणाम नहीं दे पाया? इस पर उन्होंने कहा कि बिजली अधिनियम 2003 में कुछ दिक्कतें हैं। ‘हम बिजली अधिनियम में संशोधन के जरिये उन दिक्कतों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।’
 
इस पहल का लक्ष्य है वितरण कंपनियों का नुकसान कम करना और सकल बिजली आपूर्ति में सुधार करना। प्रस्ताव के मुताबिक नए मॉडल पर विचार किया जा रहा है जिसमें बिजली आपूर्तिकर्ता बिजली वितरण नेटवर्क का प्रबंधन नहीं करेगा। यह ब्रिटेन की मौजूदा प्रणाली के अनुरूप है जहां आपूर्तिकर्ता और बिजली नेटवर्क प्रदाता अलग-अलग हैं।

फिलहाल बिजली वितरण कंपनियां आपूर्ति के साथ नेटवर्क का भी प्रबंधन करती हैं जो आवासीय और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए बिजली की आपूर्ति करती है। एक अन्य माडल के तहत नेटवर्क एक कंपनी के पास रहेगा जबकि बिजली आपूर्ति कर्ताओं की संख्या एक से अधिक हो सकती है।

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