कई सालों बाद ये अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Corona Virus) की भारत में बढ़ते कदम और इस बीच सरकार की ओर से सभी सैलानियों के वीजा कैंसिल के कदम ने आज शेयर बाजार को लहुलुहान कर दिया. गुरुवार सुबह से ही बड़ी गिरावट के साथ खुले बाजार फिर संभल ही नहीं पाए. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद सेंसेक्स और निफ्टी उबर ही नहीं पाए. विदेशी बाजारों से मिले निराशाजनक संकेतों से बढ़े बिकवाली के भारी दबाव में सेंसेक्स 2,919 अंक लुढ़ककर 32,778 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 868 अंक टूटकर 9,590 पर बंद हुआ. जानकारों का कहना है कि ये इस साल की सबसे बड़ी गिरावट है. शुक्रवार को बाजार पर खासा दबाव दिख सकता है.
सेंसेक्स में इन कंपनियों को हुआ भारी नुकसान
प्राप्त जानकारी के मुताबिक डीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, टीसीएस और कोटक महिंद्रा बैंक पर गुरुवार की गिरावट का सबसे ज्यादा असर हुआ है. इसी तरह निफ्टी में भारत पेट्रोलियम, टाटा मोटर्स, अदानी पोर्ट, महिंद्रा एंड महिंद्रा, हीरो मोटोकॉर्प, ओएनजीसी और गेल को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.
बाजार के जानकारों ने बताया कि कोरोनावायरस का प्रकोप दुनियाभर में गहराने और इससे निपटने के लिए उठाए जा रहे एहतियाती कदमों से बाजार में घबराहट का माहौल बना हुआ है. कोरोना का कहर और अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में गिरावट के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी की आशंका बनी हुई है, जिसके चलते बिकवाली का दबाव बना हुआ है. डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार पिछले सत्र से 61 पैसे फिसलकर 74.25 रुपये प्रति डॉलर पर खुला. रुपया बीते सत्र में मजबूती के साथ 73.64 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. हालांकि बाद में देसी करेंसी में पिछले सत्र के मुकाबले 74.12 रुपये प्रति डॉलर पर कारोबार चल रहा था.
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अमेरिकी शेयर बाजार में भी दर्ज हुई है गिरावट
बताते चलें कि बुधवार को अमेरिकी शेयर बाजार में जबर्दस्त गिरावट देखी गई है. बेंचमार्क डाउ जोन्स 1400 अंकों से ज्यादा फिसला, जिससे संकेत लेते हुए एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली. सिंगापुर एक्सचेंज पर निफ्टी फ्यूचर्स करीब 4 पर्सेट से ज्यादा की गिरावट के साथ कारोबार करते दिखाई दे रहे थे. संभावना जताई जा रही थी कि इसकी वजह से भारतीय शेयर मार्केट पर भी असर पड़ेगा.
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