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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने बैंक ऑफ बड़ौदा नीत 7 बैंकों के समूह को सोमवार को निर्देश दिया कि वे आम्रपाली समूह (Amrapali Group) के लटके रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के निर्माण के लिए मंगलवार (29 मार्च) तक 1,500 करोड़ रुपये जारी करें.
न्यायमूर्ति यू.यू. ललित और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ (Bench) ने पाया कि 6 बैंकों- बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ इंडिया (BOI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), पंजाब एंड सिंध बैंक (PSB) और यूको (UCO) बैंक ने फंड जारी करने को लेकर सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की है.
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पीठ ने कहा, 'इसलिए, हम बैंकों के समूह को मंगलवार तक राशि जारी करने का निर्देश देते हैं ताकि एनबीसीसी (NBCC) 31 मार्च तक इस राशि को उपयोग के लिए रख सकता है.' गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने आम्रपाली समूह के पेंडिंग आवासीय प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (NBCC) को सौंपी थी.
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आम्रपाली (Amrapali) के घर खरीदारों के एक समूह की ओर से पेश अधिवक्ता एम.एल. लाहोटी ने कहा कि रोक लागू होने के बावजूद समूह के पूर्व निदेशक प्रेम मिश्रा ने शीर्ष अदालत के समक्ष मामले के पेंडिंग रहने के दौरान भी फ्लैट, प्लॉट और विला बेचे थे. उन्होंने (Advocate) अदालत से आग्रह किया कि मिश्रा से 85 करोड़ रुपये की वसूली की जाए और रुके हुए प्रोजेक्ट्स को लेकर धन जुटाने के लिए अभी तक नहीं बेची जा सकी संपत्ति को नीलामी सूची (Auction List) में रखा जाए.
(इनपुट - भाषा)
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