बैंक फ्रॉड में आरोपी को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा, 3.13 करोड़ का जुर्माना भी लगाया
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बैंक फ्रॉड में आरोपी को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा, 3.13 करोड़ का जुर्माना भी लगाया

बैंकों के फ्राड के मामले तो आमतौर पर सुनने को मिलते रहते हैं. कभी फर्जी दस्तावेज देकर तो कभी किसी और काम के लिए कर्ज लेकर फंड डायवर्ट कर दिया जाता है. आमतौर पर इस तरह के मामलों में छोटी मोटी सजा ही होती है.

बैंक फ्रॉड में आरोपी को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा, 3.13 करोड़ का जुर्माना भी लगाया

मुंबई : बैंकों के फ्राड के मामले तो आमतौर पर सुनने को मिलते रहते हैं. कभी फर्जी दस्तावेज देकर तो कभी किसी और काम के लिए कर्ज लेकर फंड डायवर्ट कर दिया जाता है. आमतौर पर इस तरह के मामलों में छोटी मोटी सजा ही होती है. लेकिन मुंबई में स्पेशल कोर्ट ने एक शख्स को न सिर्फ उम्रकैद की सजा सुनाई बल्कि उस पर 3.13 करोड़ रुपये का जुर्माना भी ठोक दिया. यही नहीं फ्राड में मदद के आरोप में बैंक के ब्रांच मैनेजर और अन्य लोगों को भी कोर्ट ने सजा सुनाई है.

ये है पूरा मामला
राजेंद्र मारुतिराव पाटिल ने 15 स्कोडा लॉरा कारें खरीदने के लिए ठाणे के घोडबंदर रोड पर आंध्रा बैंक की ब्रांच से 203.33 लाख रुपये का लोन लिया. लेकिन पाटिल ने सिर्फ एक कार खरीदी और बाकी का कर्ज दूसरे कामों के लिए डायवर्ट कर दिया. यही नहीं आरोपी ने 155.50 लाख रुपये के टर्म डिपाजिट के बदले 139.95 लाख रुपये के ओवर डॉफ्ट की सुविधा का भी उपयोग कर लिया. यही नहीं ये बकाया भी नहीं चुकाया गया जिससे आंध्रा बैंक को करीब 2.30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इस मामले में आंध्रा बैंक, अंधेरी के जनरल मैनेजर की शिकायत पर सीबीआई ने 30 जनवरी 2010 को पाटिल और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया और जांच शुरू की. जांच पूरी करने के बाद सीबीआई ने स्पेशल कोर्ट में चार्ज शीट फाइल की.

इन धाराओं के तहत आरोप तय हुए
आईपीसी की धारा 120-B, 420, 465, 467, 468, 471 और  511  और सेक्शन 13(2) r/w 13(1) (d) of PC Act, 1988 के तहत आरोप साबित हुए. कोर्ट ने आरोपियों को दोषी पाते हुए सज़ा सुनाई.

किसको -क्या सजा मिली?
- मुख्य आरोपी राजेंद्र मारुतिराव पाटिल- उम्रकैद और 3.13 करोड़ का जुर्माना.
- आंध्रा बैंक की ब्रांच के उस वक्त के मैनेजर बी. महिपाल- 10 साल की सजा और 3.40 लाख का जुर्माना.
- निजामुद्दीन इस्माइल सुर्वे उर्फ माजिद नाइक (प्राइवेट पर्सन)- 3 साल की बामशक्कत कैद और 18 हजार का जुर्माना.
- श्रीमती रेशमा कुंटे उर्फ श्रीमती रेशमा राजेंद्र पाटिल (प्राइवेट पर्सन)- 3 साल की बामशक्कत कैद और 12 हजार का जुर्माना.
- प्रेमनाथ आत्माराम निकुंभे (प्राइवेट पर्सन)- 3 साल की बामशक्कत कैद और 12 हजार का जुर्माना.

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