इंटरनेशनल मार्केट में सस्ता हुआ क्रूड ऑयल, घट सकता है पेट्रोल-डीजल का रेट
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इंटरनेशनल मार्केट में सस्ता हुआ क्रूड ऑयल, घट सकता है पेट्रोल-डीजल का रेट

मार्च महीने की डिलिवरी के लिये कच्चे तेल की कीमत 30 रुपये यानी 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4,326 रुपये प्रति बैरल पर आ गयी.

दिल्ली में पेट्रोल 25 अप्रैल के बाद पहली बार 73 रुपये प्रति लीटर से कम हुआ है. (फाइल)

नई दिल्ली: वैश्विक बाजार में कमजोर रुख के बीच सटोरियों के सौदे कम करने से वायदा बाजार में कच्चा तेल की कीमत गुरुवार को 0.67 प्रतिशत की और गिरावट के साथ 4,305 रुपये प्रति बैरल पर आ गयी. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में मई महीने की डिलिवरी के लिये कच्चे तेल का भाव 29 रुपये यानी 0.67 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4,305 रुपये प्रति बैरल पर आ गया. इसमें 17,778 लॉट के लिये कारोबार हुआ. वहीं मार्च महीने की डिलिवरी के लिये कच्चे तेल की कीमत 30 रुपये यानी 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4,326 रुपये प्रति बैरल पर आ गयी. इसमें 1,258 लॉट के लिये कारोबार हुआ.

इधर तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में गुरुवार को कटौती कर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत प्रदान की. दिल्ली में पेट्रोल 25 अप्रैल के बाद पहली बार 73 रुपये प्रति लीटर से कम हुआ है और डीजल भी राष्ट्रीय राजधानी में 10 पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है. पेट्रोल के दाम में गुरुवार को दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई में 16 पैसे, जबकि मुंबई में 15 पैसे प्रति लीटर की कटौती हुई है. वहीं, डीजल के भाव दिल्ली में 10 पैसे, कोलकाता में आठ पैसे और मुंबई व चेन्नई में सात पैसे प्रति लीटर घट गए हैं. 

अमेरिका ने बढ़ाई भारत की चिंता, 'सस्ते दाम पर कच्चा तेल बेचने का भरोसा नहीं दे सकते'

विश्लेषकों के अनुसार अमेरिका में कच्चे तेल का बढ़ता भंडार तथा अमेरिका-चीन के बीच व्यापार युद्ध से यहां वायदा बाजार कच्चे तेल के भाव पर नकारात्मक असर पड़ा है. उधर, न्यूयार्क मर्केन्टाइल एक्सचेंज में वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चे तेल का भाव 1.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ 61.49 डालर प्रति बैरल जबकि अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.94 प्रतिशत की गिरावट के साथ 69.71 डालर बैरल पर आ गयी.

ये होगी नई सरकार की पहली 'अग्नि-परीक्षा', महंगे पेट्रोल-डीजल से होगा मुकाबला

पिछले दिनों अमेरिका ने कहा कि वह भारत को ईरान के सस्ते तेल का आयात रोकने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये भारत को कम दरों पर कच्चा तेल बेचने का भरोसा नहीं दे सकता है.  अमेरिका की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि कच्चा तेल निजी क्षेत्र के हाथों में है, इसलिए सरकार उन्हें सस्ते दर पर बेचने के लिये बाध्य नहीं कर सकती है. भारत 1 मई से ईरान से तेल का आयात नहीं कर रहा है.

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