जल्द कम हो सकते हैं Petrol-Diesel के दाम, क्रूड की कीमतों में आई भारी कमी
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जल्द कम हो सकते हैं Petrol-Diesel के दाम, क्रूड की कीमतों में आई भारी कमी

कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों ने एक बार फिर से गोता लगाया है, जिससे देश में पेट्रोल-डीजल (Petrol- Diesel) की कीमतों में भी गिरावट होने की उम्मीद हो गई है.

फाइल फोटो

नई दिल्लीः कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों ने एक बार फिर से गोता लगाया है, जिससे देश में पेट्रोल-डीजल (Petrol- Diesel) की कीमतों में भी गिरावट होने की उम्मीद है. कच्चा तेल फिलहाल 40 डॉलर के नीचे चला गया है, जो जून के बाद का सबसे निचला स्तर है. कोरोना वायरस का कहर गहराने से तेल की कीमतों में कमी देखने को मिली है. भारत ज्यादातर ब्रेंट क्रूड का आयात करता है, इसलिए आने वाले दिनों में पेट्रोलियम पदार्थ काफी सस्ते हो सकते हैं. 

  1. कच्चा तेल फिलहाल 40 डॉलर के नीचे
  2. छठे दिन नरमी के साथ कारोबार 
  3. WTI की कीमत 36 डॉलर प्रति बैरल 
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लगातार छठे दिन आई कीमतों में कमी
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड में बुधवार को लगातार छठे दिन नरमी के साथ कारोबार चल रहा था. वहीं अमेरिका के लाइट क्रूड WTI की कीमत 36 डॉलर प्रति बैरल पर है. बीते सत्र में ब्रेंट क्रूड 5 फीसदी से ज्यादा टूटा जबकि वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (WTI) का भाव 6 फीसदी से ज्यादा लुढ़का. सितंबर में अब तक WTI का भाव करीब 7 डॉलर प्रति बैरल यानी 16 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है जबकि ब्रेंट का भाव 15 फीसदी से ज्यादा लुढ़का है.

अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार इंटर कांटिनेंटल एक्सचेंज (ICE) पर ब्रेंट क्रूड के नवंबर डिलीवरी अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 0.20 फीसदी की कमजोरी के साथ 39.70 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले कारोबार के दौरान ब्रेंट क्रूड का भाव 39.36 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा. 

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वहीं, डब्ल्यूटीआई के अक्टूबर डिलीवरी वायदा अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 0.27 फीसदी गिरावट के साथ 36.66 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले कारोबार के दौरान डब्ल्यूटीआई का भाव 36.17 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा.

एक यह भी है भाव गिरने की वजह
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी और करंसी) अनुज गुप्ता ने बताया कि सऊदी अरब की कंपनी सऊदी अरामको ने एशियाई देशों में तेल की बिक्री बढ़ाने के लिए कीमतों में कटौती की है, वहीं अमेरिका में तेल की मांग कमजोर है. 

पूरी दुनिया में 2.75 करोड़ मामले
बता दें कि जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 2.75 करोड़ से अधिक हो गई है. वहीं इस बीमारी से अब तक 8.97 लाख लोगों की जान जा चुकी है. विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) के ताजा अपडेट के अनुसार, बुधवार की सुबह तक 27,570,742 मामले और 8,97,383 मौतें दर्ज हो चुकी थीं.

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