दीपावली (Diwali Festival) में सिर्फ एक सप्ताह का समय बाकी है. साज सजावट शुरू हो चुकी हैं.
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नई दिल्ली: दीपावली (Diwali Festival) में सिर्फ एक सप्ताह का समय बाकी है. साज सजावट शुरू हो चुकी हैं. इस साल भारत की दीपावली खास होने वाली है, क्योंकि इस बार देश के घर चीनी लाइटों(Chinese Lights) से नहीं, बल्कि रोशन होंगे भारत में बने मिट्टी के दीयेे.
स्वदेशी दीयों की धूम
भारत में इस साल बाजारों से चीनी लाइटें, लड़ियां और दीये गायब हैं. इतना ही नहीं भारतीय परंपरागत मिट्टी के दीयों की मांग भी बढ़ गई है. दीपावली पर इस साल भारत की दीपावली स्वदेशी दीयों से जगमग होगी.
भारत सरकार ने लगाया है घटिया क्वालिटी के सामान पर बैन
इस साल गलवान घाटी (Galwan Valley Incident) में चीन से हुए विवाद के चलते चीनी आयात पर बैन लगाया गया था. इसके अलावा कई व्यापारी संगठनों ने भी चीनी सामान का बहिष्कार किया था जिसमे चीनी लाइटें और दीये अहम हैं. यही वजह है कि इस साल चीन का सामान बाजारों से गायब है . पिछले साल का कुछ स्टॉक व्यापारियों के मौजूद है लेकिन उसे भी बेचना मुश्किल हो रहा है. ज्यादातर लोग इस बार भारतीय लाइटों की मांग कर रहे हैं.
आम लोग खुद जागरूक
ग्राहक स्वाति का कहना है कि हमारे देश के जो कुम्हार हैं, वो काफी मेहनत करते हैं. हम उन्हीं का सामान खरीदना चाहते हैं. वहीं मुकेश का कहना है कि हम गलवान घाटी की घटना नहीं भूले हैं. हम चीन सिर्फ सीमा पर ही नहीं, बल्कि देश के बाजारों से भी बाहर खदेड़ेंगे.
चीन को आर्थिक चोट
इस साल भारत मे सिर्फ हिंदुस्तानी दीपावली मनाई जाए इसके लिए कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) ने चीन में बने 300 प्रोडक्ट्स देश भर के व्यापारियों तक पहुंंचा चुुुुका हैं, जिन्हें अब अलग अलग राज्यों में बेचा जाएगा. देश भर में कैट के ट्रेडर्स इस साल चीन दीवाली का कोई आयात नही करेंगे और न ही उसे बेचेंगे. इसके लिए हमभारत में ही लोगों से दीपावली का सामान बनवा रहे हैं. इस से चीन को करीब 40,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.