10,600 से ज्यादा विदेशियों को सुरक्षित उनके देश भेजा गया
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नई दिल्ली: जब पूरा देश लॉकडाउन (Lockdown) है तब दिल्ली एयरपोर्ट के कर्मचारी चौबीस घंटे ड्यूटी में लगे हैं. इनकी चुनौती है कि कैसे भारत में फंसे सैलानियों को सुरक्षित उनके देश भेजा जा सके? लॉकडाउन के बाद से ही दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi Airport) पर काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को दोगुना काम करना पड़ रहा है. कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बावजूद एयरपोर्ट कर्मचारी घर भी नहीं जाना चाह रहे हैं.
अब तक 10 हजार से ज्यादा विदेशियों को घर भेजने में मिली सफलता
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार का कहना है कि 25 मार्च से दिल्ली एयरपोर्ट बंद कर दिया गया है. लेकिन इसका मतलब ये कतई नहीं है कि अब एयरपोर्ट पर कोई काम नहीं हो रहा. बल्कि लॉकडाउन के बाद से एयरपोर्ट में काम करने वालों ने ज्यादा मेहनत की है. इस दौरान भारत में फंसे लगभग 10,600 से ज्यादा विदेशियों को सुरक्षित उनके देश भेजा गया है. पिछले 14 दिनों में दिल्ली एयरपोर्ट ने 56 से ज्यादा रेसक्यू फ्लाइटों को ऑपरेट किया है.
डायल प्रवक्ता का कहना है कि लॉकडाउन के बाद ही सबसे बड़ी चुनौती कोरोना वायरस संक्रमण के बीच फंसे सैलानियों को राहत विमान आने तक एयरपोर्ट पर सुरक्षित रखना था. ऐसे में सभी सैलानियों को उनके देश से रेस्क्यू फ्लाइट आने तक खाना-पीना उपलब्ध कराया गया. इसके अलावा एयरपोर्ट को समय-समय पर सेनिटाइज भी किया जाता रहा है ताकि अगर कोई संक्रमित हो तो भी दूसरे तक ये बीमारी न फैल पाए. प्रवक्ता ने आगे बताया कि पिछले 14 दिनों में एयरपोर्ट ने जर्मनी, अमेरिका, जापान, नॉर्वे, अफगानिस्तान और फ्रांस समेत दुनिया के कई देशों के नागरिकों को जाने में मदद की है.
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उल्लेखनीय है कि भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के देखते हुए ही केंद्र सरकार ने 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया है. जरूरी कार्यों के अलावा सभी तरह के कामकाज और दफ्तरों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं. लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म होना है. लेकिन इससे पहले सरकार सभी घटकों से समीक्षा करने के बाद ही कोई फैसला करेगी.