नोटबंदी के असर पर संसदीय समिति ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से पूछे सवाल
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नोटबंदी के असर पर संसदीय समिति ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से पूछे सवाल

सूत्रों के अनुसार समिति के सदस्यों ने ‘ब्रांड इंडिया’ पर नोटबंदी के असर को लेकर चिंता जताई क्योंकि देश अब दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था नहीं रहा है.

नोटबंदी के असर पर संसदीय समिति ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से पूछे सवाल

नई दिल्ली: संसद की एक समिति ने नोटबंदी के प्रभावों के बारे में गुरुवार (9 नवंबर) को वित्त मंत्रालयों के अधिकारियों से सवाल किए और जानना चाहिए कि क्या नोटबंदी के उद्देश्यों को किन्हीं और माध्यमों से हासिल किया जा सकता था. सूत्रों ने कहा कि इसके साथ ही समिति ने नोटबंदी के असर का आकलन करने के लिए केंद्रीय मंत्रालयों व राज्यों के प्रतिनिधियों को बुलाने का फैसला किया है. वित्त पर संसद की स्थायी स​मिति नोटबंदी व देश की अर्थव्यवस्था पर इसके असर का आकलन कर रही है. समिति के अध्यक्ष पूर्व मंत्री एम वीरप्पा मोइली हैं.

  1. वित्त पर संसद की स्थायी स​मिति नोटबंदी व देश की अर्थव्यवस्था पर इसके असर का आकलन कर रही है. 
  2. संसदीय समिति के अध्यक्ष पूर्व मंत्री एम वीरप्पा मोइली हैं.
  3. 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी.

सूत्रों ने कहा कि आर्थिक मामलात सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार व सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने आज समिति को नोटबंदी के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी. मंत्रालय के अधिकारियों से नोटबंदी के उद्देश्यों के पाने के वैकल्पिक उपायों पर भी राय देने को कहा गया. सूत्रों के अनुसार समिति के सदस्यों ने ‘ब्रांड इंडिया’ पर नोटबंदी के असर को लेकर चिंता जताई क्योंकि देश अब दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था नहीं रहा है. जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ​तीन साल के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गई.

उन्होंने कहा कि सदस्यों को लगता है कि नोटबंदी के असर के अध्ययन के लिए और जानकारी की जरूरत होगी. कृषि व वाणिज्य सहित विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधियों को बुलाने का फैसला किया गया है. इसके साथ ही राज्य सरकारों की राय जानने का फैसला भी किया गया है. समिति की अगली बैठक 16 नवंबर को होगी.

नोटबंदी के बाद 3700 से अधिक मनी लांड्रिंग, हवाला सौदों की जांच कर रहा है ईडी

वहीं दूसरी ओर नोटबंदी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 3,700 से अधिक मनी लांड्रिंग और हवाला सौदों की जांच कर रहा है. इन मामलों से 9,935 करोड़ रुपये की संपत्ति जुड़ी है. गुरुवार (9 नवंबर) को एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद काले धन के सृजन पर अपनी कार्रवाई के तहत इन मामलो की जांच कर रहा है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने इन मामलों में जोखिम आकलन का भी काम किया है. पिछले साल आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद ये मामले दर्ज हुए हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच में पाया कि ज्यादातर (43 प्रतिशत) वित्त अपराध बैंक धोखाधड़ी और वित्तीय संस्थानों को फर्जी या मुखौटा कंपनियों के जरिये चूना लगाकर किए जाते हैं.

नोटबंदी के बाद वित्तीय अपराधों के तहत ईडी जिन अन्य श्रेणियों के मामलों की जांच कर रहा है उनमें भ्रष्टाचार (31 प्रतिशत), ड्रग्स एवं नारकोटिक्स व्यापार (6.5 प्रतिशत), हथियार और विस्फोटक (4.5 प्रतिशत) तथा अन्य (8.5 प्रतिशत) शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद मामलों की समीक्षा से यह पता चलता है कि कंपनियों तथा पेशेवरों ने एक दूसरे से सांठगाठ की और कालेधन को सफेद करने के लिए मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल किया.

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