नई दिल्ली: कई कामकाजी और रिटायर्ड लोगों को लगता है की टैक्स उनकी इनकम से कटता है, तो उनको ITR फाइल करने की जरूरत नहीं है. ITR दाखिल करना अलग जिम्मेदारी है, जबकि इनकम से टैक्स का कटना अलग बात है. दोनों को अलग तरीके से देखा जाना चाहिए. इस विषय को लेकर जितनी भी शंकाएं हैं उन्हें दूर कर रहे हैं टैक्स और इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन (Balwant Jain). याद रहे कि ये चर्चा सिर्फ इंडिविजुअल्स के लिए है. 


कितनी इनकम वालों को भरना होता है ITR 


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1. इनकम टैक्स कानूनों के मुताबिक, चैप्टर VIA के तहत सभी निवेश और खर्चों पर मिलने वाली सभी तरह की छूट से पहले अगर आपकी कुल कमाई (Gross Total Income) बेसिक छूट की सीमा से ज्यादा है, तो आपको ITR भरना अनिवार्य है. इस छूट में मुख्यरूप से सेक्शन 80C, 80 CCD, 80D, 80TTA, 80 TTB वगैरह शामिल हैं. इन डिडक्शन में आमतौर पर लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम आते हैं. EPF, PPF और NPS अकाउंट्स, बैंक से ब्याज, ट्यूशन फीस, होम लोन रीपेमेंट भी इसमें शामिल हैं.
 
2. वो सभी इंडिविजुअल्स जिनकी उम्र 60 साल से कम है, उनके लिए इनकम टैक्स में छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये है, जिनकी उम्र 60 साल है या इससे ज्यादा है, लेकिन 80 साल से कम है उनके लिए ये छूट 3 लाख रुपये है. वो टैक्सपेयर्स जिनकी उम्र 80 साल से ज्यादा है, उनके लिए टैक्स छूट की सीमा 5 लाख रुपये है. 


3. उदाहरण के तौर पर मान लीजिए, किसी केस में ग्रॉस टोटल इनकम बेसिक छूट की सीमा से ज्यादा है, तो आप ITR भरने के लिए जिम्मेदार है, लेकिन कई तरह के डिडक्शन या छूट की वजह से टैक्सेबल इनकम (taxable income) 2.5 लाख रुपये से कम हो जाती है, इसलिए आपको कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है. 


4. इसी तरह अगर टैक्सेबल इनकम 2.5 लाख रुपये से ज्यादा लेकिन 5 लाख रुपये से कम है, तो सेक्शन 87A के तहत मिलने वाली छूट आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन फिर भी आपको ITR भरना होगा. टैक्सेबल इनकम तक पहुंचने पर आपको कुछ Exempt Income को शामिल करना होगा, जैसे सेक्शन 54, 54EC, 54F इत्यादि के तहत मिलने वाली लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस की छूट. 


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अगर कमाई नहीं है तो... 


जहां तक इनकम की बात है, टैक्स कानून ऐसी परिस्थितियों के बारे में भी बताता है जहां आपको ITR तब भी दाखिल करना होता है, भले ही उस साल आपकी कोई टैक्सेबल इनकम न रही हो. 


1. मान लीजिए कि देश का कोई निवासी कर दायरे में नहीं आता है, लेकिन उसे देश के बाहर की संपत्ति में ब्याज मिल रहा है तो उसे ITR दाखिल करना होगा. इसके अलावा अगर उस व्यक्ति के पास देश के बाहर किसी भी खाते के संबंध में हस्ताक्षर के अधिकार हैं तो भी उसे आईटीआर दाखिल करना होगा. यह उन लोगों पर भी लागू होता है जो भारत के बाहर किसी बैंक में हस्ताक्षरकर्ता हैं. 


2. ये संपत्ति जरूरी नहीं कि अचल संपत्ति हो या आप देश के बाहर किसी बैंक में हस्ताक्षरकर्ता हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता कि अकाउंट में कितना बैलेंस है तो आपको भारत में ITR दाखिल करना होगा. इसलिए मान लीजिए कि अगर आप भारत के बाहर एक छोटे समय के लिए रहे और फिर देश वापस लौट आए, लेकिन आपने वहां पर अपना बैंक अकाउंट बंद नहीं किया. तो फिर आपको यहां उसे दिखाना होगा. 


3. इसी तरह अगर आपने विदेशी कंपनियों के शेयरों, बॉन्ड्स या म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया है तो इसे बताना होगा. उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि किसी विदेशी कंपनी की ओर से आपको कंपनसेशन पैकेज के तौर पर आपको EOPS अलॉट हुआ, जो कि आपके इम्पलॉयर की होल्डिंग कंपनी या फिर सब्सिडियरी कंपनी हो सकती है, तो भी आप इस दायरे में आएंगे. वो NRIs भी जो अपनी बाकी की जिंदगी देश में बिताने के लिए लौटे हैं. उन्हें भी भारत में ITR भरना होगा, भले ही उनकी यहां कोई इनकम नहीं हो, लेकिन भारत के बाहर संपत्ति/निवेश हो. 


ITR भरने के लिए 3 नई स्थितियां 


वित्त वर्ष 2019-20 से तीन और परिस्थितियां भी लागू हुईं हैं. 


1. इनमें से सबसे पहली है कि अगर आपने साल के दौरान एक या एक से ज्यादा करंट बैंक अकाउंट में एक करोड़ रुपये से ज्यादा जमा करवाए हैं. तो आपको ITR भरना होगा. ये डिपॉजिट जरूरी नहीं कि कैश में हों, किसी भी बैंकिंग चैनल के जरिए अगर ये डिपॉजिट हुए हैं तो ITR भरना होगा 


2. दूसरी अतिरिक्त स्थिति ये है कि अगर आपने विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किया है तो आपको ITR भरना होगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि अगर अपने परिवार से बाहर व्यक्ति के ऊपर विदेश यात्रा के लिए खर्च किया है तो आप ITR भरेंगे. 


3. और अंत में तीसरी स्थिति ये कि अगर आप साल में 1 लाख रुपये से ज्यादा बिल भरते हैं, तो आपको ITR भरना जरूरी होगा. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि जरूरी नहीं कि बिजली का कनेक्शन आपके नाम पर ही हो, अगर आप किराए पर रहते हैं तो भी ITR में ये दिखाना होगा. 


उम्मीद है कि इसके बाद आपको पता चल गया होगा कि आपको ITR भरना है या नहीं. तो जल्दी कीजिए और अपना ITR फटाफट भर लीजिए, क्योंकि अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2020 बिल्कुल करीब है.


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