Tax on Diwali Gifts: क्या दिवाली पर गिफ्ट में मिले तोहफों पर लगता है टैक्स? समझें इसकी पूरी ABCD
ITR Filing: आयकर कानून के तहत कुछ चुनिंदा तोहफों पर टैक्स लग सकता है. लेकिन यह निर्भर करेगा कि गिफ्ट आपको दिया किसने है और उसकी कीमत क्या है. अगर आपको कोई गिफ्ट मिला है और वह छूट वाली श्रेणी में नहीं आता तो इसके बारे में आपको इनकम टैक्स रिटर्न्स (ITR) में बताना होगा.
Tax Slab in India: दिवाली रोशनी और खुशियों का त्योहार है. लोग इस दिन अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को तोहफे देते हैं. इसके अलावा नौकरीपेशा लोगों को उनकी कंपनियों की ओर से गिफ्ट्स मिलते हैं. दिवाली पर तोहफों की लेनदेन बेहद आम बात है. लेकिन बहुत लोग यह बात नहीं जानते कि एक वित्त वर्ष में मिलने वाले तोहफों पर मौजूदा इनकम टैक्स कानून के तहत टैक्स चुकाना पड़ सकता है.
आयकर कानून के तहत कुछ चुनिंदा तोहफों पर टैक्स लग सकता है. लेकिन यह निर्भर करेगा कि गिफ्ट आपको दिया किसने है और उसकी कीमत क्या है. अगर आपको कोई गिफ्ट मिला है और वह छूट वाली श्रेणी में नहीं आता तो इसके बारे में आपको इनकम टैक्स रिटर्न्स (ITR) में बताना होगा.
क्या है टैक्स लगने का फॉर्मूला
अगर एक वित्त वर्ष में आपको मिले तोहफों की कीमत 50 हजार रुपये से ज्यादा हो जाती है तो आयकर अधिनियम की धारा 52 (2) के तहत टैक्स लगता है. ये तोहफे कैश या फिर किसी चीज के रूप में हो सकते हैं. हालांकि करीबी रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों की ओर से मिले तोहफों पर टैक्स में छूट है. इसका मतलब है कि अगर भाई-बहन, माता-पिता या पति-पत्नी ने आपको तोहफे दिए हैं तो कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा.
यहां ध्यान देने वाली बात है कि दोस्तों को रिश्तेदारों की कैटिगरी में नहीं रखा गया है. इसलिए उनकी तरफ से मिले तोहफों को आय के अन्य स्रोत (Income From Other Sources) में शामिल करना होगा और इनकम स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा.
श्रेणी में बांटे गए हैं तोहफे
हालांकि तोहफों को उनके प्रकार के आधार पर अलग-अलग कैटिगरी में बांटा गया है. उदाहरण के तौर पर चेक, ड्राफ्ट या कैश को मौद्रिक तोहफा माना गया है और अगर उनकी कीमत एक वित्त वर्ष में 50 हजार से ज्यादा हो जाती है तो उस पर इनकम टैक्स लगाया जाएगा. अगर गिफ्ट बिल्डिंग या जमीन के तौर पर मिला है तो वह अचल संपत्ति में गिना जाएगा. इस पर भी टैक्स लगेगा, अगर स्टैंप ड्यूटी की कीमत 50 हजार से ज्यादा है.
वहीं संग्रह, जेवरात, शेयर या सिक्योरिटीज, ड्रॉइंग, पेंटिंग को चल संपत्ति माना जाता है. अगर तोहफों की कीमत 50 हजार से ज्यादा है तो इन पर उसी स्थिति में टैक्स देना होगा. वहीं अगर तोहफे में गाड़ी मिली है तो वह संपत्ति के दायरे में नहीं आता और उस पर टैक्स नहीं लगेगा.
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