कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है. जुलाई में औद्योगिक उत्पादन में अच्छी प्रगति की गई है.
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नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है. वस्तुओं और सेवाओं की बढ़ती मांग ने भारत के औद्योगिक उत्पादन को साल-दर-साल के आधार पर 11.50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है.
पिछले साल जुलाई में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) 10.5 प्रतिशत तक गिर गया था. जबकि इस बार उसमें पिछली बार की तुलना में 11 प्रतिशत तक बढोतरी हुई है.
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के मुताबिक जुलाई 2021 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (July 2021 Index of Industrial Production) का त्वरित अनुमान है. जुलाई 2021 के महीने के लिए औद्योगिक उत्पादन में खनन का सूचकांक 104.6, विनिर्माण 130.9 और बिजली क्षेत्रों के लिए 184.7 पर है.
पिछले साल की तुलना से पता चलता है कि प्राथमिक वस्तुओं का निर्माण (माइनस) 10.8 प्रतिशत से 12.4 प्रतिशत बढ़ा है. वहीं पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन (माइनस) 22.8 प्रतिशत से 29.5 प्रतिशत बढ़ा है. जबकि मध्यवर्ती वस्तुओं में (माइनस) 10.7 प्रतिशत से 14.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
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इसी तरह बुनियादी ढांचे या निर्माण वस्तुओं का उत्पादन (माइनस) 8.2 प्रतिशत से 11.6 प्रतिशत बढ़ा है. उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन (माइनस) 23.7 प्रतिशत से 20.2 प्रतिशत बढ़ा है. हालांकि उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि से (माइनस) 1.8 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि दिखी है.
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