EPFO Adani Stocks: हिंडनबर्ग की विस्फोटक रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में $100 बिलियन की गिरावट देखने को मिली. जिसके बाद कई बड़े इनवेस्टर अडानी ग्रुप को लेकर अपने जोखिम कम कर रहे हैं. इसके बावजूद भी रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ, अडानी ग्रुप की दो कंपनियों- अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन में निवेश करना जारी रखा है. ऐसा तब हो रहा है जब अरबपति गौतम अडानी का साम्राज्य संकट से घिरा हुआ है.


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द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन इस साल कम से कम सितंबर तक ऐसा करता रहेगा. जब तक कि उसके ट्रस्टी इस सप्ताह मिलने पर अपने निवेश के दृष्टिकोण पर पुनर्विचार नहीं करते.


रिटायरमेंट फंड बॉडी एनएसई निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स से जुड़े एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में अपने कॉर्प्स का 15 फीसदी निवेश करती है.


पिछले साल मार्च तक ईपीएफओ ने ईटीएफ में 1.57 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 23 में इसने 8,000 करोड़ रुपये और लगाए.


ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने सोमवार को अपनी दो दिवसीय बैठक शुरू की. ईपीएफओ अपनी दो दिवसीय बैठक में 2022-23 के लिए कर्मचारियों की भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा पर ब्याज दर की घोषणा कर सकता है.


ईपीएफओ ने मार्च 2022 में 2020-21 में 8.5 प्रतिशत से अपने लगभग पांच करोड़ ग्राहकों के लिए 2021-22 के लिए ईपीएफ पर ब्याज घटाकर चार दशक के निचले स्तर 8.1 प्रतिशत कर दिया था. यह 1977-78 के बाद सबसे कम था, जब ईपीएफ की ब्याज दर 8 फीसदी थी.


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(एजेंसी इनपुट के साथ)