नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़े अंशधारकों को बुरी खबर मिल सकती है. नवंबर माह में होने वाली बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए भविष्य निधि पर नई तरह से ब्याज दर तय की जा सकती है. एक रिपोर्ट की मानें तो पीएफ राशि पर मिलने वाली ब्याज दर को चालू वित्त वर्ष के लिए कम किया जा सकता है. एक अंग्रेजी वेबसाइट में प्रकाशित खबर में कहा गया गया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)  की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था, केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार के नेतृत्व में नवंबर में मिलेंगे.


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आपको बता दें कि देशभर में ईपीएफओ के 5 करोड़ से ज्यादा सदस्य हैं. इकॉनमिक टाइम्स के अनुसार इसी महीने की 23 नवंबर को प्रस्तावित ईपीएफओ की बैठक में वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए ब्याज दर को घटाकर 8.5 प्रतिशत किए जाने पर विचार किया जा सकता है. रिपोर्ट के अनुसार रिटायरमेंट कोरप्स में ब्याज दर कम होने की उम्मीद है, लेकिन अंशधारकों के कुल रिटर्न में कमी नहीं आएगी. बल्कि अंशधारकों को उतना ही रिटर्न मिलेगा या फिर पिछली बार के मुकाबले ज्यादा रिर्टन मिलेगा.


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ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि उनके अंशदान को इक्विटीज में निवेश किए जाने के बदले पहली बार उन्हें यूनिट्स मिल सकती हैं. वहीं, पिछले दिनों दी गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, 'वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए पीएफ जमाराशियों पर ब्याज दर के निर्णय के लिए न्यासियों के समक्ष पेश किए जाने की उम्मीद है. पिछले साल दिसंबर में सीबीटी ने 2016-17 के लिए ब्याज दर को घटाकर 8.65 प्रतिशत तक कर दिया था. इससे पहले 2015-16 के लिए ब्याज दर 8.8 प्रतिशत थी.