Explainer: किरायेदारों को मिलती है टैक्स में बंपर छूट! समझिए HRA से टैक्स डिडक्शन की पूरी कैलकुलेशन
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Explainer: किरायेदारों को मिलती है टैक्स में बंपर छूट! समझिए HRA से टैक्स डिडक्शन की पूरी कैलकुलेशन

HRA Taxation: कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए आयकर विभाग (Income Tax) ने असेसमेंट ईयर 2021-22 की पर्सनल इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरने की मियाद को बढ़ाकर 31 सितंबर 2021 कर दिया है, जो कि पहले 31 जुलाई 2021 थी. HRA पर कैसे बचाएं टैक्स  ऐसें में अगर आप टैक

Explainer: किरायेदारों को मिलती है टैक्स में बंपर छूट! समझिए HRA से टैक्स डिडक्शन की पूरी कैलकुलेशन

नई दिल्ली: HRA Taxation: कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए आयकर विभाग (Income Tax) ने असेसमेंट ईयर 2021-22 की पर्सनल इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरने की मियाद को बढ़ाकर 31 सितंबर 2021 कर दिया है, जो कि पहले 31 जुलाई 2021 थी.

HRA पर कैसे बचाएं टैक्स 

ऐसें में अगर आप टैक्स बचाने की जुगत में लगे हैं तो HRA पर कैसे टैक्स बचाया जाए, इसके बारे में भी जरूर जान लीजिए. HRA वो भत्ता होता है जो सैलरीड क्लास को उसकी कंपनी देती है, ये पूरी तरह से टैक्सेबल होता है. इसी टैक्स को आप कैसे बचा सकते हैं, हम आपको बताने जा रहे हैं. 

इनकम टैक्स कानून के हिसाब से HRA पर छूट सेक्शन 10 (13A) के तहत मिलती है. कुल टैक्सेबल आमदनी की गणना HRA को कुल आय से घटाकर की जाती है. इस बात का ध्यान रखें कि अगर कंपनी का कर्मचारी अपने घर में रहता है या मकान का किराया नहीं देता, तो उसके वेतन में HRA के रूप में मिली रकम टैक्स के दायरे में आएगी है, मतलब टैक्स चुकाना पड़ेगा. 

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HRA में टैक्स छूट कैसे कैलकुलेट करें 

अब सवाल ये उठता है कि आप HRA पर कितना टैक्स बचा सकते हैं. इसकी कैलकुलेशन बेहद आसान है. नीचे दी गई तीनों परिस्थितियों में से जो भी रकम सबसे कम आएगी, उस पर HRA की टैक्स छूट का फायदा लिया जा सकता है.

1. आपकी सैलरी में कितना हिस्सा HRA का है
2. मेट्रो शहर जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में रहते हैं तो बेसिक सैलरी का 50 परसेंट, नॉन मेट्रो में रहते हैं तो सैलरी का 40 परसेंट हिस्सा 
3. वास्तव में चुकाए गए मकान के सालाना किराए में से सालना सैलरी का 10 परसेंट घटाने के बाद बची रकम 

HRA छूट का कैलकुलेशन

मान लीजिए आपकी मंथली बेसिक सैलरी 15,000 रुपये है. आपको कंपनी से 7000 रुपये का HRA मिलता है. आप किसी मेट्रो सिटी में रहते हैं घर का किराया 8400 रुपये प्रति महीना देते हैं. 

HRA बेनेफिट हासिल करने के लिए इन तीनों में से जो जो भी सबसे कम होगा उस पर छूट मिलेगी, बाकी पर टैक्स लगेगा

1. वास्तविक HRA मिला = 7000x12= 84000 सालाना
2. बेसिक सैलरी का 50% (मेट्रो) = 1.8 लाख का 50% = 90,000
3. कुल सालाना किराया-बेसिक सैलरी का 10%= 100800-1.8 लाख का 10= 82,000 

अब जैसा कि दिख रहा है कि 84,000 आपको वास्तविक HRA मिला है, लेकिन इसें 82800 रुपये पर टैक्स छूट मिलेगी क्योंकि ये रकम इन तीनों में सबसे कम है. बाकी बची रकम 1200 आपकी सैलरी में जुड़ जाएगी जिस पर आपकी स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा. आपकी सैलरी यहां पर 20 परसेंट के स्लैब में है इसलिए आपको टैक्स देना होगा 
1200 का 20 परसेंट = 240 रुपये. 

यानि आपको 240 रुपये टैक्स चुकाना होगा. लेकिन ध्यान रहे कि HRA पर टैक्स का फायदा तभी मिल सकता है जब आपके पास किराये की रसीद हो. अगर आपके पास मकान मालिक के साथ हुआ रेंट एग्रीमेंट है तब भी आप इसका लाभ उठा सकते हैं. अगर किराए के रूप में आपने हर महीने 15,000 रुपये या साल में एक लाख रुपये से ज्यादा किराया चुकाया है तो छूट पाने के लिए मकान मालिक का पैन नंबर देना जरूरी है.

HRA पर कुछ जरूरी बातें 

1. टैक्स छूट तभी मिल सकती है जब कर्मचारी ने सच में मकान का किराया चुकाया हो, ये सिर्फ सैलरीड क्लास के लिए है, सेल्फ प्रोफेशनल्स को इसका फायदा नहीं मिलता
2. अगर कर्मचारी ने किराया अपने परिवार के ही किसी सदस्य को चुकाया हो तब भी उसको HRA पर छूट मिलेगी
3. अगर कर्मचारी एक घर का मालिक है, लेकिन वो किसी दूसरी जगह किराए के मकान में रहता है तब भी HRA पर टैक्स छूट ले सकता है
4. अगर कंपनी कर्मचारी को वेतन में HRA नहीं देती है और कर्मचारी किराए के मकान में रहता है तो ऐसी स्थिति में HRA पर टैक्स छूट पाने का हकदार नहीं होगा
5. ऐसे में कर्मचारी सेक्शन 80GG के तहत डिडक्शन ले सकता है 

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