सेवा क्षेत्र में एफडीआई अप्रैल-नवंबर के दौरान 20 फीसदी बढ़ा
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सेवा क्षेत्र में एफडीआई अप्रैल-नवंबर के दौरान 20 फीसदी बढ़ा

सरकार द्वारा कारोबार सुगम बनाने और निवेश आकर्षित करने संबंधी पहल करने के बीच चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से नवंबर की अवधि के दौरान सेवा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 20 प्रतिशत बढ़कर 1.84 अरब डालर पर पहुंच गया।

नई दिल्ली : सरकार द्वारा कारोबार सुगम बनाने और निवेश आकर्षित करने संबंधी पहल करने के बीच चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से नवंबर की अवधि के दौरान सेवा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 20 प्रतिशत बढ़कर 1.84 अरब डालर पर पहुंच गया।

सेवा क्षेत्र में बैंकिंग, बीमा, आउटसोर्सिंग, अनुसंधान एवं परीक्षण, कुरियर तथा प्रौद्योगिकी परीक्षण आते हैं। औद्योगिकी नीति एवं संवर्धन विभाग :डीआईपीपी: के आंकड़ों के मुताबिक इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में सेवा क्षेत्र में 1.46 अरब डालर का विदेशी निवेश आया था। सरकार ने कई पहलों की घोषणा की है जिनमें मंजूरी के लिए समयसीमा तय करना भी शामिल है ताकि देश में कारोबार करना सुगम हो सके और घरेलू तथा विदेशी निवेश आकर्षित किया जा सके।

एक अधिकारी ने कहा कि इन पहल का नतीजा एफडीआई के रूप में मिल रहा है। आने वाले महीनों में एफडीआई प्रवाह और सुधरेगा। सेवा जैसे क्षेत्रों में एफडीआई में वृद्धि के साथ देश में कुल विदेशी निवेश का प्रवाह चालू वित्त वर्ष के सात महीनों के दौरान 22 प्रतिशत बढ़कर 18.88 अरब डालर हो गया। अप्रैल से नवंबर 2013-14 में यह 15.45 अरब डालर रहा। सेवा क्षेत्र का भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 60 प्रतिशत से अधिक योगदान है। 2012-13 में सेवा क्षेत्र में विदेशी निवेश घटकर 4.83 अरब डालर रह गया जो 2011-12 में 5.21 अरब डालर था। पिछले वित्त वर्ष में यह मात्र 2.22 अरब डालर रहा।

जिन अन्य क्षेत्रों में विदेशी निवेश का प्रवाह बढ़ा उनमें दूरसंचार (2.47 अरब डालर), कंप्यूटर हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर (86.2 करोड़ डालर), वाहन (1.53 अरब डालर) और बिजली (55 करोड़ डालर) शामिल हैं।

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