राज्यसभा में बोलीं वित्तमंत्री, 'देश में आर्थिक मंदी नहीं है'; यह सुनकर सदन से बाहर चले गए विपक्षी नेता
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राज्यसभा में बोलीं वित्तमंत्री, 'देश में आर्थिक मंदी नहीं है'; यह सुनकर सदन से बाहर चले गए विपक्षी नेता

विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि आर्थिक रफ्तार थोड़ी धीमी जरूर हुई है, लेकिन मंदी जैसी कोई बात नहीं है.

आर्थिक मंदी पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का संसद में बयान.

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि देश में आर्थिक मंदी नहीं है. विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि आर्थिक रफ्तार थोड़ी धीमी जरूर हुई है, लेकिन मंदी जैसी कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि 2009-2014 के अंत में भारत का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि 6.4% पर था, जबकि 2014-2019 के बीच यह 7.5% पर रहा. देश की आर्थिक स्थिति पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के जवाब के दौरान विपक्षी सांसद राज्यसभा से बाहर चले गए.

इसपर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2014 से विपक्ष की यह आदत है कि वह किसी मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हैं. जब जवाब देने के लिए सरकार की बारी आती है तो और मैं जवाब देने के लिए खडी होती हूं तो वे टिप्पणी करते रहते हैं. अगर मैं जारी रखता हूं, तो वे बाहर चले जाते हैं. यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है.

मालूम हो कि कांग्रेस के लोकसभा सदस्य लोकसभा में भी आर्थिक मंदी का मुद्दा उठा चुके हैं. कांग्रेस सरकार को आर्थिक मंदी, कृषि संकट और बेरोजगारी जैसे आम आदमी के मुद्दों पर घेरने की कोशिश कर रही है.

संसद के शीतकालीन सत्र के मद्देनजर देश में आर्थिक मंदी को लेकर 30 नवंबर को प्रस्तावित कांग्रेस की रैली टाल दी गई है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह रैली अब नई दिल्ली के रामलीला मैदान में 14 दिसंबर को होगी. इसमें सभी गैर-एनडीए के नेताओं के आने की उम्मीद है. पार्टी ने सभी राज्यों और केंद्रीय पदाधिकारियों की बैठक बुलाकर प्रस्तावित रैली के लिए समर्थन जुटाने को कहा है.

पार्टी के सूत्र ने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण देश भुखमरी की ओर बढ़ रहा है. पार्टी नेताओं के अनुसार, 'भारत बचाओ' रैली को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा संबोधित करेंगे.

कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने पूर्व में कहा था कि पार्टी ने सभी महासचिवों, प्रभारियों, सचिवों, संगठन प्रमुखों और राज्य इकाई के सदस्यों की 16 नवंबर को बैठक की थी. उन्होंने कहा था, 'सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते हमने एक मेगा रैली करने का निर्णय किया है.'

भारत की आर्थिक विकास दर 2019 में 5.6 फीसदी रहने का अनुमान : मूडीज
यहां गौर करने वाली बात यह है कि अमेरिकी रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने को भारत की आर्थिक विकास दर के अपने अनुमान में कटौती की. मूडीज के अनुसार, वर्ष 2019 (कैलेंडर वर्ष) में देश में उपभोग मांग में नरमी और तरलता की कमी के चलते भारत की आर्थिक विकास दर 5.6 फीसदी रह सकती है. मूडीज ने भारत की आर्थिक विकास दर के अपने अनुमान में कटौती करते हुए इसे 2018 के 7.4 फीसदी से घटाकर 2019 में 5.6 फीसदी कर दिया है.

मूडीज ने अपनी रिपोर्ट ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2020-21 में कहा, 'हमारा अनुमान है कि 2020 और 2021 में आर्थिक गतिविधियां तेज रहने से आर्थिक विकास दर क्रमश: 6.6 फीसदी और 6.7 फीसदी रह सकती है, लेकिन आर्थिक विकास की रफ्तार पिछले दिनों के मुकाबले सुस्त रहेगी.'

रेटिंग एजेंसी ने कहा, 'भारत की आर्थिक विकास दर 2018 के मध्य से घटने लगी है और वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) करीब आठ फीसदी से घटकर 2019 की दूसरी तिमाही में पांच फीसदी रह गई है. साथ ही, बेरोजगारी बढ़ी है.' मूडीज ने कहा कि मौजूदा उपभोग मांग में सुस्ती काफी हद तक थम गई है.

इसके अलावा, कॉरपोरेट टैक्स में कटौती, बैंकों का रिकैपिटलाइजेशन, ऑटो सेक्टर को मदद और इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत अन्य मदों पर खर्च बढ़ाने की योजना जैसे सरकारी उपायों से आर्थिक मंदी पर लगाम लगेगी. मूडीज की आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि इनमें से किसी भी उपाय से उपभोग मांग की सुस्ती सीधे तौर पर दूर नहीं होगी, जोकि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का मुख्य कारक है. मौद्रिक नीति के मामले में रेटिंग एजेंसी ने कहा कि घरेलू महंगाई का दबाव कम रहने और तेल की कीमतों में नरमी रहने से ब्याज दरों में और कटौती की संभावना बनी हुई है.

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