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नयी दिल्ली: वित्त मंत्रालय पेट्रोलियम उत्पादों का खुदरा कारोबार करने वाली सरकारी कंपनियों को केरोसिन-सब्सिडी के एवज में गत 30 जून को समाप्त पहली तिमाही के लिए 1,300 करोड़ रुपए का भुगतान करेगा। एलपीजी सब्सिडी के भुगतान के विषय में निर्णय बाद में होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां कहा कि मंत्रालय ने इस बार अप्रैल-जून के लिए केरोसिन सब्सिडी के मद में 1,300.42 करोड़ रुपए के भुगतान की मंजूरी दी है।
इसमें इंडियन आयल कापरेरेशन (आईओसी) को 878.84 करोड़ रपए, भारत पेट्रोलियम को 203.33 करोड़ रपए और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कापरेरेशन (एचपीसीएल) को 218.25 करोड़ रुपए मिलेंगे। सब्सिडी भुगतान सरकार द्वारा तय नए फार्मूले पर तय किया गया है जिसके तहत सब्सिडी 12 रपए प्रति लीटर सीमित होगी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए केरोसिन 14.96 रुपए प्रति लीटर पर बेचा जाता है जबकि वास्तविक लागत 33.47 रुपए है। लागत और बिक्री मूल्य के बीच फर्क 14.95 रपए प्रति लीटर है जिसे लागत से कम वसूली या राजस्व नुकसान कहा जाता है। उन्होंने कहा ‘‘वित्त मंत्रालय बजट से सार्वजनिक क्षेत्र की ईंधन कंपनियों को नकदी में 12 रुपए प्रति लीटर का भुगतान करेगा और उत्पादन लागत। इसके बाद भी बिक्री मूल्य और लागत के बीच कोई फर्क रह जाता है तो उसकी भरपाई उत्खनन क्षेत्र की ओएनजीसी जैसी कंपनियां करेंगी।’’ मौजूदा मूल्य पर उत्खनन कंपनियों को पूरे साल के लिए 5,000-6,000 करोड़ रुपए का भार वहन करन पड़ेगा।