इस बार बजट में होगा बड़ा ऐलान! आएगा महंगाई दर को मात देने वाला बॉन्ड; आपको कैसे होगा फायदा?
Inflation Rate in November: जीडीपी में गिरावट ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. अब केंद्र सरकार आम आदमी को महंगाई से लड़ने में मददगार बनाने और सेफ इनवेस्टमेंट का ऑप्शन देने के लिए स्पेशल बॉन्ड लाने का प्लान कर रही है. यह दो तरह से आपके लिए फायदेमंद होगा.
What is Inflation Beating Bond: सरकार और आरबीआई (RBI) की कोशिश के बावजूद महंगाई दर नीचे आने का नाम नहीं ले रही है. नवंबर में खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा गिरकर जरूर 5.48 प्रतिशत पर आया है. लेकिन यह आम आदमी को राहत देने के लिए नाकाफी है. पिछले दिनों एक रिपोर्ट से सामने आया कि महंगाई दर बढ़ने और प्राइवेट कर्मचारियों की सैलरी ग्रोथ सिंगल डिजिट में रहने से मिडिल क्लास की परचेज पावर कम हो रही है. इसका असर जीडीपी के आंकड़े पर देखने को मिल रहा है. पिछले दिनों मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी ग्रोथ गिरकर दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गई.
यह बॉन्ड स्कीम दो तरह से काम करेगी
जीडीपी में गिरावट ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. अब केंद्र सरकार आम आदमी को महंगाई से लड़ने में मददगार बनाने और सुरक्षित निवेश का विकल्प देने के लिए एक स्पेशल बॉन्ड लाने का प्लान कर रही है. यह बॉन्ड स्कीम दो तरह से काम करेगी. इससे आम आदमी को महंगाई से राहत मिलने के साथ ही फाइनेंशियल सिक्योरिटी भी मिलेगी. दैनिक अखबार हिन्दुस्तान में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार बॉन्ड स्कीम पर महंगाई दर के मुकाबले ज्यादा ब्याज की पेशकश की जाएगी.
फरवरी में आने वाले बजट में आ सकती है बॉन्ड स्कीम
रिपोर्ट में दावा किया गया कि वित्त मंत्री इसे फरवरी में पेश होने वाले बजट में पेश कर सकती हैं. बताया जा रहा है कि फाइनेंस मिनिस्ट्री और आरबीआई के बीच नई बॉन्ड स्कीम को लेकर चर्चा हो चुकी है. जानकारी के अनुसार इस स्कीम को राष्ट्रीय बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की तरफ से लाया जा सकता है. इस संस्था को सरकार की तरफ से समर्थन है और यह मार्केट से कैपिटल इकट्ठा करने के लिए अलग-अलग प्रकार के बॉन्ड जारी करने का अधिकार है.
क्यों पड़ी जरूरत
पब्लिक सेक्टर की कंपनियों की तरफ से टैक्स सेविंग वाले बॉन्ड बंद किये जाने के कारण अब सिर्फ स्मॉल सेविंग ऑप्शन जैसे पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम जैसी योजनाएं हैं. आरबीआई बॉन्ड और स्टेट ओन्ड कंपनियों की तरफ से जारी दूसरी लॉन्ग टर्म के बॉन्ड्स भी ऐसी योजनाएं है, जिनकी मियाद पूरी हो गई है या जिन्हें बंद कर दिया गया है. पहले ये बॉन्ड टैक्स फ्री होते थे. लेकिन न्यू टैक्स रिजीम के तहत यह संभव नहीं है. न्यू टैक्स रिजीम के तहत सरकार ने सभी तरह की छूट को खत्म कर दिया है.
आम आदमी को कैसे होगा फायदा?
महंगाई आपके पैसे की पर्चेजिंग पावर को प्रभावित करती है. निवेश ऐसा होना चाहिए जो बढ़ती महंगाई दर को मात दे सके. महंगाई से तात्पर्य समय के साथ चीजों और सर्विस की कीमत में होने वाले इजाफे से है. महंगाई बढ़ने से पैसे से खरीदने की शक्ति कम होती है. उदाहरण के लिए यदि महंगाई दर 5% है तो इसका यह मतलब हुआ कि जो चीज आज 100 रुपये की है वो एक साल बाद 105 रुपये की हो जाएगी. यदि आपके निवेश की वृद्धि दर महंगाई दर के बराबर या उससे ज्यादा नहीं है तो आपको होने वाला फायदा निगेटिव में जा सकता है.
इस बॉन्ड में क्या खास होगा?
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रस्तावित बॉन्ड को बढ़ती महंगाई से राहत देने के मकसद से तैयार किया गया है. इसकी ब्याज दर को मौजूदा महंगाई दर से ज्यादा रखा जाएगा. अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 6.21 प्रतिशत रही और नवंबर में यह गिरकर 5.48 प्रतिशत पर आ गई. सरकार ने आरबीआई को महंगाई दर को 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी दे रही है. इसका सीधा मतलब यह हुआ कि महंगाई दर 2 से 6 प्रतिशत के बीच रहनी चाहिए. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि बॉन्ड की ब्याज दर 6 प्रतिशत के ऊपर रखी जा सकती है.