विदेशी संपत्ति का 30 सितंबर तक खुलासा नहीं होने पर लागू होगा कठोर मनी-लांड्रिंग कानून
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विदेशी संपत्ति का 30 सितंबर तक खुलासा नहीं होने पर लागू होगा कठोर मनी-लांड्रिंग कानून

आयकर विभाग ने चेतावनी दी है कि जिनके पास विदेशों में अवैध संपत्ति है और वह 30 सितंबर तक इसका खुलासा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कठोर मनी-लांड्रिंग रोधी कानून के तहत कारवाई की जायेगी।

नयी दिल्ली : आयकर विभाग ने चेतावनी दी है कि जिनके पास विदेशों में अवैध संपत्ति है और वह 30 सितंबर तक इसका खुलासा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कठोर मनी-लांड्रिंग रोधी कानून के तहत कारवाई की जायेगी।

आयकर विभाग की ओर से प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों में आज प्रकाशित विज्ञापन में कहा गया है कि जो लोग विदेशों में रखी धन-संपत्ति का खुलासा नहीं कर रहे हैं उनपर मनीलांड्रिंग रोधी कानून (पीएमएलए) के तहत कारवाई की जायेगी। इसके अलावा उन्हें ऐसी संपत्ति पर कुल मिलाकर 120 प्रतिशत कर एवं जुर्माना और 10 साल तक के कठोर कारावास की सजा हो सकती है। यह विज्ञापन कालाधन कानून के तहत उपलब्ध एक बारगी अनुपालन खिड़की का लाभ उठाते हुये छवि साफ करने की सुविधा के प्रचार प्रसार के लिये दिया गया है। विज्ञापन में कहा गया है क्या आपके पास विदेश में अघोषित संपत्ति है? 30 सितंबर अथवा इससे पहले इसकी घोषणा करें।

विज्ञापन में कहा गया है, कर विभाग के पास कर चोरी करने वालों के विदेशों में वित्तीय खातों के बारे में सूचना उपलब्ध है। ऐसे में अवैध खाते रखने वाले सभी लोगों को नये कालाधन-रोधी कानून के तहत उपलब्ध अनुपालन खिड़की का लाभ उठाना चाहिये। सरकार ने विदेशों में रखे कालेधन की समस्या से निपटने के लिये बनाए गए अघोषित विदेशी आय और आस्ति (कर अधिरोपण) अधिनिमय 2015 को एक जुलाई 2015 से लागू कर दिया। कानून के तहत विदेशों में अघोषित संपत्ति रखने वालों को एकबारगी मौका देते हुये स्वैच्छिक रूप से इसकी घोषणा करने के लिये 90 दिन का समय दिया गया है। यह समय सीमा 30 सितंबर को समाप्त हो जाएगी।

अनुपालन खिड़की का फायदा उठाते हुये जो घोषणा की जायेगी उसपर 30 प्रतिशत की दर से कर और इतना ही जुर्माना अदा करना होगा। इसका भुगतान 31 दिसंबर 2015 तक करना होगा। यदि अनुपालन खिड़की का फायदा नहीं उठाया जाता और समय बीतने के बाद कर चोरी पकड़ी जाती है तो संबंधित व्यक्ति को 90 प्रतिशत की दर से कर और 30 प्रतिशत जुर्माना अदा करना होगा।

आयकर विभाग को इस तरह की जानकारी आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट का इस्तेमाल करते हुये ई-फाइलिंग के जरिये दी जा सकती है या फिर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्राधिकृत आयकर आयुक्त के कार्यालय में जाकर स्वयं दी जा सकती है। विज्ञापन में यह भी कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति इस संबंध में अधिक जानकारी हासिल करने के लिये विभाग के आधिकारिक वेब पोर्टल को देख सकता है और कालाधन अनुपालन खिड़की सुविधा के तहत अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के बारे में सूचना प्राप्त कर सकता है।

 

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