FPI ने भारतीय बाजारों से 15,365 करोड़ रुपये निकाले, ट्रेड वार और CAD की चिंता ने बिगाड़ा खेल
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FPI ने भारतीय बाजारों से 15,365 करोड़ रुपये निकाले, ट्रेड वार और CAD की चिंता ने बिगाड़ा खेल

एफपीआई की ओर से निकासी की अहम वजह वैश्विक स्तर पर व्यापार मोर्चे पर बढ़ता तनाव और चालू खाते के घाटे की चिंता रही.

FPI ने सितंबर में अबतक भारतीय पूंजी बाजारों से निकाले 15,365 करोड़ रुपये

नई दिल्ली : विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने सितंबर महीने में अब तक भारतीय पूंजी बाजारों से 15,365 करोड़ रुपये (2.1 अरब डॉलर) की निकासी की. जबकि अगस्त और जुलाई महीने में निवेशकों ने बाजार में निवेश किया था. एफपीआई की ओर से निकासी की अहम वजह वैश्विक स्तर पर व्यापार मोर्चे पर बढ़ता तनाव और चालू खाते के घाटे की चिंता रही. इससे पहले अगस्त में निवेशकों ने पूंजी बाजार (शेयर एवं ऋण बाजार) में करीब 5,200 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया. जुलाई में यह 2,300 करोड़ रुपये था.
डिपॉजिटरी आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 3 से 21 सितंबर के बीच शेयर बाजार से 6,832 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की, जबकि ऋण बाजार से 8,533 करोड़ रुपये निकाले. इस प्रकार निवेशकों ने अब तक कुल 15,365 करोड़ रुपये की निकासी की.

मॉर्निंगस्टार इंवेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया में वरिष्ठ शोध विश्लेषक हिमांशु श्रीवास्तव ने चालू खाते के घाटे को निकासी की वजह बताया. उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में तेजी, रुपये की विनिमय दर में गिरावट, राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को प्राप्त करने की चिंता और उम्मीद से कम जीएसटी संग्रह के चलते चालू खाते का घाटा बढ़ रहा है.

उन्होंने कहा कि ये सभी कारक देश के वृहत बुनियादी कारकों को प्रभावित कर रहे हैं. इसने आर्थिक वृद्धि की स्थिरता पर भी संदेह खड़ा किया है, जिस पर विदेशी निवेशक करीब से नजर रखे हुये हैं.

इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर व्यापारिक तनाव से भी विदेशी निवेशकों के लिये जोखिम खड़ा हो गया और वे भारत जैसी उभरते हुये बाजारों को लेकर सतर्क रुख अपना रहे हैं. इस वर्ष अब तक निवेशकों ने शेयर बाजार से 9,200 करोड़ रुपये और ऋण बाजार से 46,510 करोड़ रुपये की निकासी की.

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