विदेशी मुद्रा भंडार में भारत ने रचा इतिहास, 560.53 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर तक पहुंचा
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विदेशी मुद्रा भंडार में भारत ने रचा इतिहास, 560.53 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर तक पहुंचा

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (Forex reserves) एक बार फिर नई ऊंचाई पर पहुंच गया है. पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार 560.532 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया.

विदेशी मुद्रा भंडार में भारत ने रचा इतिहास, 560.53 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर तक पहुंचा

नई दिल्ली: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (Forex reserves) एक बार फिर नई ऊंचाई पर पहुंच गया है. पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार 560.532 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया. रिजर्व बैंक की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 23 अक्टूबर 2020 को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 5.412 अरब डॉलर बढ़कर 560.532 अरब डॉलर हो गया. वहीं इससे पहले 16 अक्टूबर को खत्म हफ्ते में भंडार 3.615 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 555.12 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया था.

क्यों बढ़ा विदेशी मुद्रा भंडार

विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी की मुख्य वजह फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) में बढ़ोत्तरी रही. यह देश के विदेशी मुद्रा भंडार का बड़ा हिस्सा है. RBI के आंकड़ों के अनुसार FCA में बीते हफ्ते 5.202 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई और यह 517.524 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया. फॉरेन करेंसी एसेट्स को डॉलर के हिसाब से देखा जाता है, इसका विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गैर-अमेरिकी मुद्रा जैसे यूरो, पाउंड और येन में बढ़ोतरी और गिरावट का असर शामिल होता है. 

गोल्ड रिजर्व भी बढ़ा

रिजर्व बैंक का स्वर्ण भंडार (Gold Reserve) इस दौरान 17.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 36.86 अरब डॉलर हो गया है. इसके अलावा देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिला विशेष आहरण अधिकार (SDR-Special Drawing Rights) 80 लाख डॉलर बढ़कर 1.48 अरब डॉलर हो गया. वहीं IMF के पास जमा देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.66 अरब डॉलर हो गया.

क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार?

विदेशी मुद्रा भंडार केंद्रीय बैंकों द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है. एक अच्छा विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था की निशानी होती है. यह आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद उपलब्ध कराता है. इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, गोल्ड रिजर्व और दूसरे तरह के रिजर्व शामिल होते हैं. जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स (FCA) सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं.

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