1 रुपये में घर बुक करने वाले ने बढ़ाई चिंता, जेपी इंफ्राट्रेक के घर खरीदारों की हो रही पहचान
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1 रुपये में घर बुक करने वाले ने बढ़ाई चिंता, जेपी इंफ्राट्रेक के घर खरीदारों की हो रही पहचान

जेपी इंफ्राटेक के नोएडा स्थित प्रोजेक्टों में जिन ग्राहकों का पैसा फंसा है उनमें बहुत से ग्राहक अपनी प्रापर्टी के लिए क्लेम ही नहीं कर रहे.

जेपी इंफ्राटेक में गोस्ट बायर्स ने बढ़ाई घर खरीददारों की चिंता (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : जेपी इंफ्राटेक के नोएडा स्थित प्रोजेक्टों में हजारों की संख्या में लोगों की मेहनत की गाढ़ी कमाई फंसी हुई है. बहुत से लोग अपने पैसे की वापसी के लिए कई तरह के प्रयास भी कर रहे हैं. लेकिन लगभग 24300 ग्राहकों में से बहुत से ऐसे ग्राहक हैं जिन्हें अपने पैसे की चिंता ही नहीं. ऐसे ग्राहकों को फर्जी ग्राहक या गोस्ट बायर माना जा रहा है. माना जा रहा है कि इन लोगों के नामों से प्रोजेक्ट में बुकिंग सिर्फ कीमतें बढ़ाने के लिए की गईं. वहीं बहुत से ऐसे ग्राहक भी माने जा रहे हैं जिन्होंने फ्लैट खरीदने के लिए काले धन का प्रयोग किया और अब सामने नहीं आ रहे हैं.  

  1. जेपी इंफ्राटेक में गोस्ट बायर्स ने बढ़ाई घर खरीददारों की चिंता
  2. ग्राहकों ने मात्र 01 रुपये में बुक कराया घर, नहीं कर रहे क्लेम
  3. की जा रही है ग्राहकों की पहचान, पैन और आधार का हो रहा प्रयोग

घर खरीददारों की पहचान के हो रहे हैं प्रयास

अंग्रेजी के अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार मिनीस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स में 09 संगठनों ने संयुक्त याचिका दाखिल कर 4500 घर खरीददारों का प्रतिनिधित्व करने की बात कही है. ऐसे में फर्जी ग्राहकों की पहचान के लिए पैन कार्ड और आधार कार्ड के जरिए ग्राहक की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है.

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मिली चौकाने वाली जानकारी
जेपी के प्रोजेक्टों में घर खरीदने वालों की जांच करने पर पाया गया कि बहुत से लोगों से 10 हजार रुपये से भी कम पैसे दे कर फ्लैट बुक कराए थे. वहीं ऐसा भी मामले सामने आया है जिसमें घर खरीददार ने मात्र 01 रुपये जमा करा के नेाएडा एक्सप्रेस वे पर घर बुक कराया. वहीं इस ग्राहक के फ्लैट के लिए किसी तरह का कोई क्लेम भी अब तक नहीं किया है. जांच में सामने आया कि 73 लोग ऐसे हैं जिन्होंने मात्र 75 हजार रुपये जमा करा कर फ्लैट बुक कराए वहीं लगभग 400 लोग ऐसे रहे जिन्होंने लगभग 05 लाख रुपये तक दे कर फ्लैट बुक कराए.

अब तक 12500  लोगों ने किया दावा
उपलब्ध जानकारी के अनुसार अब तक सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त की गई कमेटी के सामने लगभग 12500 ग्राहकों ने अपनी प्रापर्टी के लिए क्लेम किया है. लेकिन हाल ही में  इंट्रिम रीसोलूशन प्रोफेशनल कमेटी की ओर से जारी किए गए एक रेजिल्यूशन में मात्र 6800 लोगों ने ही वोट डाला.

ग्राहकों की पहचान करने के साथ उनकी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग
सरकार की ओर से एक प्रस्ताव तैयार किया गया है है जिसके तहत उन्होंने ग्राहकों को विभिन्न श्रेणियों में बांट दिया है और उनकी पहचान की जा रही है. घर खरीददारों के एक संगठन के प्रतिनिधि मुकेश गुप्ता के अनुसार बहुत से खरीदार एनआरआई हैं ऐसे में उनके पास आधार कार्ड होने की संभावना बहुत कम है. लेकिन अन्य तरीकों से भी घर खरीददारों की पहचान की जा सकती है. उन्होंने कहा कि फर्जी खरीददारों की पहचान के बाद ही वास्तविक खरीददारों को फ्लैट दिलाने के लिए वोटिंग हो सकती है. इंट्रिम रीसोलूशन प्रोफेशनल अनुज जैन कहते हैं कि लगभग 20 हजार घर खरीददारों की ओर से उनकी प्रॉपर्टी की ओर से क्लेम किया गया है पर घर खरीददारों के संगठनों का मानना है कि इनमें से बहुत से गोस्ट बायर्स हो सकते हैं. ऐसे में सभी की पहचान होने के साथ ही सबकी जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए.

 

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