DLF प्रमोटरों के साथ 9000 करोड़ के सौदे के लिए जीआईसी ने मांगी सीसीआई से मंजूरी
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DLF प्रमोटरों के साथ 9000 करोड़ के सौदे के लिए जीआईसी ने मांगी सीसीआई से मंजूरी

इस सौदे के बाद डीएलएफ साइबर सिटी डेवलपर्स लिमिटेड (डीसीसीडीएल) में डीएलएफ की 66.66 प्रतिशत और जीआईसी, सिंगापुर की 33.34 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी.

देश के रीयल एस्टेट क्षेत्र में इस सौदे को सबसे बड़ा माना जा रहा है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सिंगापुर के सॉवरेन वेल्थ फंड जीआईसी ने उचित व्यापार व्यवहार नियामक सीसीआई से डीएलएफ की कंपनी डीसीसीडीएल में 8,900 रुपये की हिस्सेदारी खरीदने और रियल्टी फर्म के साथ संयुक्त उद्यम बनने की मंजूरी मांगी है. जीआईसी ने अगस्त महीने में डीएलएफ साइबर सिटी डेवलपर्स लिमिटेड (डीसीसीडीएल) में 8,900 करोड़ रुपये में 33.34 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की सहमति जतायी थी. जीआईसी, डीएलएफ के प्रवर्तकों से डीसीसीडीएल में शेयर खरीदेगा. सूत्रों के मुताबिक, “जीआईसी ने इस सौदे के लिये भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से मंजूरी मांगी है. सौदे को अगले महीने मंजूरी मिलने की उम्मीद है.”

  1. डीएलएफ को प्रवर्तकों की 11,900 करोड़ की हिस्सेदारी बेचने के लिये शेयरधारकों से मंजूरी मिल गई है.
  2. इसके तहत प्रवर्तक डीसीसीडीएल में 40 फीसदी हिस्सेदारी बेचेंगे.
  3. सौदे के तहत डीसीसीडीएल में 33.34% हिस्सेदारी को सिंगापुर के जीआईसी को 8,900 करोड़ में बेचा जायेगा.

रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख कंपनी डीएलएफ को प्रवर्तकों की 11,900 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी बेचने के लिये शेयरधारकों से मंजूरी मिल गई है. इसके तहत प्रवर्तक डीसीसीडीएल में 40 फीसदी हिस्सेदारी बेचेंगे. सौदे के तहत डीसीसीडीएल में 33.34 प्रतिशत हिस्सेदारी को सिंगापुर के सरकारी संपत्ति कोष जीआईसी को 8,900 करोड़ रुपये में बेचा जायेगा और शेष हिस्सेदारी को डीसीसीडीएल खुद 3,000 करोड़ रुपये में बॉयबैक करेगी.

डीएलएफ के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (वित्त) सौरभ चावला ने कहा, ‘‘संस्थागत निवेशकों ने इस रणनीतिक सौदे को भारी समर्थन दिया है. यह सौदा कंपनी के लिये ‘पासा पलटने’ वाला साबित होगा. इससे न केवल आपसी हितों का टकराव दूर होगा और कंपनी के कर्ज में भी भारी कमी आयेगी बल्कि यह कंपनी में नकदी प्रवाह भी बनायेगा.’’ चावला ने कहा, ‘‘हम अपने आवासीय और व्यावसायिक कारोबार को अलग अलग रखना चाहते हैं. आवासीय कारोबार शत प्रतिशत डीएलएफ द्वारा संभाला जायेगा वहीं वाणिज्यिक व्यावसाय को जीआईसी के साथ संयुक्त उद्यम के तहत चलाया जायेगा.’’ 

DLF को 12,000 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी

रीयल्टी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी डीएलएफ को उसकी समूह कंपनी डीएलएफ साइबर सिटी डेवलपर्स लिमिटेड (डीसीसीडीएल) में प्रवर्तकों की पूरी 40 प्रतिशत हिस्सेदारी 11,900 करोड़ रुपये में बेचने के लिये शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई है. देश के रीयल एस्टेट क्षेत्र में इस सौदे को सबसे बड़ा माना जा रहा है. सौदे के तहत डीसीसीडीएल में 33.34 प्रतिशत हिस्सेदारी को सिंगापुर के सरकारी संपत्ति कोष जीआईसी को 8,900 करोड़ रुपये में बेचा जायेगा और शेष हिस्सेदारी को डीसीसीडीएल खुद 3,000 करोड़ रुपये में बॉयबैक करेगी.

बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में डीएलएफ ने कहा है कंपनी की शुक्रवार (29 सितंबर) को हुई वार्षिक आम बैठक में एक विशेष प्रस्ताव के तहत इस सौदे को मंजूरी दे दी गई. बैठक में 99.96 प्रतिशत शेयरधारकों ने प्रस्ताव के पक्ष में मत दिया. प्रवर्तकों की जिनकी डीएलएफ में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है, ने प्रस्ताव में वोट नहीं दिया. डीएलएफ के प्रवर्तक -के पी सिंह और परिवार- ने पिछले महीने डीसीसीडीएल में अपनी पूरी 40 प्रतिशत हिस्सेदारी को 11,900 करोड़ रुपये में बेचने और प्राप्त होने वाली राशि को डीएलएफ में कर्ज लौटाने के लिये डालने का फैसला किया. इस सौदे के बाद डीएलएफ साइबर सिटी डेवलपर्स लिमिटेड (डीसीसीडीएल) में डीएलएफ की 66.66 प्रतिशत और जीआईसी, सिंगापुर की 33.34 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी.

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