यूपी के क‍िसानों की बल्‍ले-बल्‍ले, बढ़ेगी आमदनी; वर्ल्‍ड बैंक ने इस प्रोजेक्‍ट को दी मंजूरी
Advertisement
trendingNow12557893

यूपी के क‍िसानों की बल्‍ले-बल्‍ले, बढ़ेगी आमदनी; वर्ल्‍ड बैंक ने इस प्रोजेक्‍ट को दी मंजूरी

World Bank: 325.10 मिलियन डॉलर की यूपी-एग्रीस योजना कृषि वैल्यू चेन को मजबूत करेगी, वित्त तक पहुंच में सुधार करेगी और वैल्यू एडिशन के मौके पैदा करेगी. इसके अलावा, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जैसे लोन तक पहुंच को ज्‍यादा समय पर, किफायती और पारदर्शी बनाने के लिए नवीन वित्तीय साधन शुरू किए जाएंगे.

यूपी के क‍िसानों की बल्‍ले-बल्‍ले, बढ़ेगी आमदनी; वर्ल्‍ड बैंक ने इस प्रोजेक्‍ट को दी मंजूरी

Good News For Farmers: सरकार की तरफ से लगातार क‍िसानों की आमदनी बढ़ाने को लेकर काम क‍िया जा रहा है. इसी को ध्‍यान में रखकर केंद्र और राज्‍य सरकारें अलग-अलग तरह की योजनाओं का संचालन कर रही हैं. वर्ल्ड बैंक के एग्‍जीक्‍यूट‍िव डायरेक्‍टर बोर्ड ने उत्तर प्रदेश में 325.10 मिलियन डॉलर के प्रोजेक्‍ट को मंजूरी दी है. इसका मकसद बेहतर फसल उत्पादकता, डिजिटल तकनीक और जलवायु-अनुकूल प्रैक्टिस अपनाने के साथ मार्केट र‍िलेशन मजबूत कर किसानों की आमदनी बढ़ाना है. एक आध‍िकार‍िक बयान के अनुसार इस प्रोजेक्‍ट का मकसद इन पहल का समर्थन करने के लिए 15 मिलियन डॉलर के निजी वित्त का फायदा उठाना भी है.

पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के क‍िसानों को फायदा होगा

325.10 मिलियन डॉलर की यूपी-एग्रीस योजना (यूपी एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड रूरल एंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग प्रोजेक्ट) कृषि वैल्यू चेन को मजबूत करेगी, वित्त तक पहुंच में सुधार करेगी और वैल्यू एडिशन के मौके पैदा करेगी. इसके अलावा, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जैसे लोन तक पहुंच को ज्‍यादा समय पर, किफायती और पारदर्शी बनाने के लिए नवीन वित्तीय साधन शुरू किए जाएंगे. बयान में कहा गया कि इस प्रोजेक्‍ट से राज्य के पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड क्षेत्रों के 10 लाख उत्पादकों को लाभ होगा.

किसानों की क्षमता निर्माण के लिए समर्पित केंद्र स्थापित होंगे
भारत में वर्ल्‍ड बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे ने कहा, 'यह प्रोजेक्‍ट कम मीथेन वाले चावल की किस्मों, चावल के अवशेषों को इकट्ठा कर बायोगैस में बदलने और उर्वरक के अनुकूल उपयोग जैसी सस्टेनेबल प्रैक्टिस को बढ़ावा देगी, जिससे जलवायु परिवर्तन पर कृषि के प्रभाव को कम किया जा सकेगा और उत्पादकता को बढ़ावा मिलेगा. यह परियोजना जलवायु अनुकूलन रणनीतियों में सरकारी अधिकारियों और किसानों की क्षमता निर्माण के लिए एक समर्पित केंद्र भी स्थापित करेगी.'

लोन की फाइनल मैच्योरिटी 33.5 साल
इंटरनेशनल बैंक ऑफ रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (IBRD) से 325.10 मिलियन डॉलर के लोन की फाइनल मैच्योरिटी 33.5 वर्ष है, जिसमें छह साल की छूट अवधि भी शामिल है. यह परियोजना डिजिटल सेवाओं और एग्रीकल्चर फाइनेंस के लिए इकोसिस्टम को मजबूत करने में मदद करेगी. यह प्राइवेट सेक्‍टर की संस्थाओं को बाजार आधारित दृष्टिकोणों के जर‍िये समाधान प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करेगी.

परियोजना के टास्क टीम लीडर विनायक घटाटे, एंड्रयू गुडलैंड और हर्ष झांजरिया ने कहा, 'यह परियोजना जलवायु-अनुकूल और कटिंग-एज डिजिटल टेक्नोलॉजी को अपनाने, फार्मगेट इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और स्थानीय एवं ग्‍लोबल लेवल पर मार्केट से जुड़े संबंधों को मजबूत करने के लिए विशेष रूप से महिला किसानों और कारोबार‍ियों के साथ काम करेगी.' इस परियोजना से उत्पादकता में सुधार, रोजगार सृजन और आय में वृद्धि करने में मदद मिलेगी. बयान में कहा गया है कि परियोजना के लिए फ्रांस, इजरायल और गेट्स फाउंडेशन की सरकारों सहित विभिन्न स्रोतों से संसाधन जुटाए जाएंगे. (IANS) 

Trending news