केंद्र सरकार का श्रम कानून में बड़े बदलाव का प्रस्ताव
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केंद्र सरकार का श्रम कानून में बड़े बदलाव का प्रस्ताव

श्रम कानून में बड़े बदलाव करने के लिए सरकार ने श्रमिकों की भर्ती-बख्रास्तगी के सख्त कानूनों में ढील देने, श्रमिक यूनियन बनाने के नियमों को अपेक्षाकृत अधिक कठिन बनाने और कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए छंटनी से जुड़े पैकेज को तिगुना करने प्रस्ताव किया हैं। 

नई दिल्ली : श्रम कानून में बड़े बदलाव करने के लिए सरकार ने श्रमिकों की भर्ती-बख्रास्तगी के सख्त कानूनों में ढील देने, श्रमिक यूनियन बनाने के नियमों को अपेक्षाकृत अधिक कठिन बनाने और कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए छंटनी से जुड़े पैकेज को तिगुना करने प्रस्ताव किया हैं। 

श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने एक साक्षात्कार में कहा कि देश में कारोबार का वातावरण और सुगम बनाने और रोजगार के अवसरों के सृजन में बढोतरी के उपायों के तहत श्रम मंत्रालय ने एक विधेयक का मसौदा तैयार किया है जिसमें ट्रेड यूनियन अधिनियम, औद्योगिक विवाद अधिनियम और औद्योगिक रोजगार (स्थाई आदेश) अधिनियम को एकीकृत कर औद्योगिक संबंधों के लिए एकल संहिता बनाने का प्रस्ताव है।

उन्होंने कहा, ‘मौजूदा परिप्रेक्ष्य में श्रम सुधार की जरूरत है ताकि कारोबार के फलने-फूलने के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया जा सके और उद्योगों एवं श्रमिकों के बीच समरसता का माहौल तैयार किया जा सके क्योंकि हमारा मुख्य लक्ष्य है लोग रोजगार में बने रह सकें।’ दत्तात्रेय ने कहा कि श्रम कानून को नए परिप्रेक्ष्य में देखने की जरूरत है। 

उन्होंने कहा, ‘इसके लिए आपको कानूनों को आसान बनाने और तर्कसंगत बनाने की जरूरत है लेकिन ऐसा श्रमिको के हितों को दांव पर लगाकर नहीं होगा। श्रमिकों के हितों की रक्षा की जाएगी। लेकिन साथ रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कारोबार सुगमता आवश्यक है।’

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