वेब चेक-इन से सीटों के चयन पर शुल्क को लेकर बढ़ा बवाल, सरकार करेगी समीक्षा
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वेब चेक-इन से सीटों के चयन पर शुल्क को लेकर बढ़ा बवाल, सरकार करेगी समीक्षा

नागर विमानन मंत्रालय वेब चेक-इन से सीट के चयन के लिए यात्रियों से शुल्क लगाने के विमानन कंपनियों के फैसले की समीक्षा कर रहा है.

वेब चेक-इन से सीटों के चयन पर शुल्क को लेकर बढ़ा बवाल, सरकार करेगी समीक्षा

नई दिल्ली: सरकार वेब चेक-इन से सीट के चयन के लिए यात्रियों से शुल्क लगाने के विमानन कंपनियों के फैसले की समीक्षा कर रही है. वह यह पता लगा रही है कि इस कदम से मौजूदा नियमों का उल्लंघन होता है या नहीं. हालांकि, नागर विमानन मंत्रालय (डीजीसीए) ने किसी कंपनी के नाम का उल्लेख नहीं किया है. 

इंडिगो ने दावा किया है कि "न तो वेब चेक इन नीति में बदलाव किया गया है और न ही वेब चेक इन के लिए कोई शुल्क लगाया गया है." इससे एक दिन पहले कंपनी ने कहा था कि वेब चेक इन के लिये सभी सीटों पर शुल्क लगाया है. स्पाइसजेट ने सोमवार को एक ग्राहक के सवाल पर कहा कि "वेब चेक इन के माध्यम से सीटों का पहले आवंटन करने पर शुल्क लागू होगा." 

उधर, नागर विमानन मंत्रालय ने कहा कि वह इस फैसले की समीक्षा कर रही है. इंडिगो का घरेलू विमानन क्षेत्र के बाजार में 43 प्रतिशत हिस्सा है. इंडिगो के इस कदम की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हो रही है. इस बीच मंत्रालय ने कहा कि वह इसकी समीक्षा करेगी. मंत्रालय ने ट्वीट में कहा, उसे पता चला है कि विमानन कंपनियां अब सभी सीटों के लिये वेब चेक इन पर शुल्क लगा रही हैं. हम इन शुल्कों की समीक्षा कर रहे हैं और देख रहे हैं कि यह शुल्क अलग-अलग सेवाओं के लिए कीमत निर्धारण करने की मौजूदा व्यवस्था के अनुरूप है या नहीं. 

जुलाई- सितंबर तिमाही में तीनों सूचीबद्ध विमानन कंपनियों --इंडिगो, स्पाइसजेट और जेट एयरवेज-- घाटे में रही हैं. यही वजह है कि कंपनियां कमाई बढ़ाने के नये तरीके ढूंढ रही हैं. वेब चेक-इन के माध्यम से यात्री उड़ान के लिए ऑनलाइन अपनी उपस्थिति की पुष्टि कर सकते हैं और खास सीट का चयन कर सकते हैं. सामान्य तौर, इंडिगो यात्री बिना किसी शुल्क के कुछ सीटों को ऑनलाइन चुन सकते हैं. 

रेलवे ने विमान यात्रियों से कहा- आपका हमारे यहां स्वागत है
उधर, रेलवे ने विमानन कंपनी इंडिगो के 'वेब चेक इन' पर ग्राहकों से शुल्क वसूलने के फैसले पर सोमवार को चुटकी ली. रेल मंत्रालय ने ट्वीट करके कहा, "उड़ान पर वेब-चेक इन के लिए शुल्क क्यों... जबकि आप गंतव्य तक पहुंचने के लिये ट्रेन ले सकते हैं." यह दूसरा मौका है जब रेलवे ने विमानन कंपनियों से यात्रियों को अपने पाले में लाने का प्रयास किया है. 

रेल मंत्रालय ने ट्वीट में कहा, "वेब चेकइन के लिये अतिरिक्त शुल्क देने की जरूरत नहीं है. अपने सामान की जांच के लिए कोई लंबी कतार लगाने की जरूरत नहीं है. गैर-जरूरी शुल्क से बचें और किफायती दरों में अच्छे पुराने साथी भारतीय रेलवे के साथ यात्रा करके अपने कार्बन पदचिह्न को कम करें." 

इंडिगो ने 14 नवंबर से वेब चेक-इन पर शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है. कंपनी के इस कदम की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हो रही है. उधर, नागर विमानन मंत्रालय ने कहा कि वह इस फैसले की समीक्षा कर रही है. 

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