उद्योग-व्यवसाय प्रक्रिया को सरल बनाने पर जोर : जेटली
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उद्योग-व्यवसाय प्रक्रिया को सरल बनाने पर जोर : जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार कर की दरों में कमी और उन्हें तर्कसंगत बनाकर भारत में निवेश आकर्षित करने और कारोबार करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिये बदलाव ला रही है और पूरी निष्पक्षता के साथ इस दिशा में आगे बढ़ने के लिये प्रतिबद्ध है।

उद्योग-व्यवसाय प्रक्रिया को सरल बनाने पर जोर : जेटली

लंदन : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार कर की दरों में कमी और उन्हें तर्कसंगत बनाकर भारत में निवेश आकर्षित करने और कारोबार करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिये बदलाव ला रही है और पूरी निष्पक्षता के साथ इस दिशा में आगे बढ़ने के लिये प्रतिबद्ध है।

जेटली ने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में इससे अधिक रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘हम करों को तर्कसंगत बनाने, उनमें कमी लाने और कराधान की उचित एवं अनुकूल प्रणाली शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं। सुधारों और अवरोध खड़ा करने के बीच तीव्र वैचारिक लड़ाई चल रही है। लेकिन सरकार इसके लिये प्रतिबद्ध है।’

जेटली ने बीती रात यहां भारत में निवेश संभावनाओं पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमारे लिये आगे रास्ता बिल्कुल साफ है। हमें भारत में भारी निवेश चाहिये और इसके लिये हमें भारत में काम-धंधा करने की प्रक्रिया को आसान बनाना होगा और इसी दिशा में बढ़ने के लिये हम बदलाव कर रहे हैं।’

वित्त मंत्री ने कहा कि नई सरकार की प्राथमिकता भारतीय अर्थव्यवस्था की विश्वसनीयता को बेहतर बनाना है। ‘राजकोषीय घाटा कम हो रहा है। अर्थव्यवस्था में गतिविधियां बढ़ रही है, कर ढांचे की विसंगतियों को ठीक किया जा रहा है और हम ढांचागत क्षेत्र पर ध्यान लगा रहे हैं और समूची प्रणाली में साफगोई लाने का प्रयास कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा, ‘स्पेक्ट्रम और कोयला खान नीलामी की सफलता से यह पता चलता है कि किस प्रकार भ्रष्टाचार को दूर रखकर अधिक मूल्य हासिल किया जा सकता है। इस प्रकार की प्रक्रिया हमने रखी है।’ पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर हमला बोलते हुए जेटली ने कहा कि नई सरकार आने के बाद किस प्रकार से स्पेक्ट्रम और कोयला आवंटन घोटाला जैसी बातें पीछे छूट गई।

उन्होंने कहा, ‘यदि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की चलती तो संकट खड़ा नहीं होता लेकिन यहां लाचारगी का भाव था।’ जेटली ने फिक्की और ब्रिटेन भारतीय व्यावसायिक परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘कोयला आवंटन के मामले में उन्होंने एक महीने के भीतर ही नीलामी प्रक्रिया की घोषणा कर दी, पर उसके बाद 10 सालों तक वह इसे आगे नहीं बढ़ा सके। हम इस तरह की प्रणाली को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं।’

जेटली ने एक अन्य कार्यक्रम में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ब्रिटेन इकाई का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष आर्थिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में इससे अधिक रहने की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने कहा कि नई सरकार के सत्ता में आने के बाद से अर्थव्यवस्था में गतिविधियां तेज हुई हैं।

उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ सालों के दौरान हम राडार से बाहर हो गये थे, आर्थिक वृद्धि धीमी पड़ गई थी और प्राथमिकताएं धुंधली पड़ गई, दुनिया नीतिगत शिथिलता के लिए हमारी आलोचना कर रही थी। आखिरकार भारत के लोगों ने बदलाव लाने का फैसला किया।’

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