सरकार ने शनिवार कहा कि स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के तहत उसे घरों और मंदिरों में बेकार रखा 900 किलो सोना प्राप्त हुआ है और उसे उम्मीद है कि भविष्य में यह मात्रा और बढ़ सकती है।
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नई दिल्ली : सरकार ने शनिवार कहा कि स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के तहत उसे घरों और मंदिरों में बेकार रखा 900 किलो सोना प्राप्त हुआ है और उसे उम्मीद है कि भविष्य में यह मात्रा और बढ़ सकती है।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने ट्विटर पर कहा, ‘स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के तहत अब तक 900 किलो सोना जुटाया गया है। इस योजना में धीरे-धीरे प्रगति हो रही है। आने वाले महीनों में इसमें तेजी आने की उम्मीद है।’ स्वर्ण मौद्रीकरण योजना जो पहले रफ्तार नहीं पकड़ पा रही थी अब इसे और आकर्षक और सुविधायुक्त बना दिया गया है ताकि बेकार पड़े सोने की योजना में भागीदारी बढ़ाई जा सके।
Gold Monetisation Scheme: More than 900 kgs gold mobilised so far. Scheme making steady progress.Expected to pick up in coming months.
— Shaktikanta Das (@DasShaktikanta) January 23, 2016
पांच नवंबर को पेश स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के तहत बैंकों को 15 साल तक के लिए सोना संग्रह का अधिकार दिया गया है ताकि वे समय-समय पर उनकी नीलामी कर सकें और जौहरियों को सोना उधार दे सकें। जमाकर्ताओं को इस पर सालाना 2.50 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया जायेगा जो बैंकों के बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज से कम है।
वर्तमान में देश में 46 हॉलमार्क एवं शुद्धता परीक्षण केन्द्र है जो कि स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के तहत सोना जमा कराने के लिये सोने की शुद्धता प्रमाणन करने के लिये नामित किये गये हैं। योजना के तहत जो भी सोना जमा होगा वह इन्हीं केन्द्रों पर जांचा और जमा किया जायेगा। बैंक भी कुछ प्राधिकृत शाखाओं पर विशेष तौर से बड़े जमाकर्ताओं से सोना स्वीकार कर सकते हैं।
देश में हर साल करीब 1,000 टन सोना आयात किया जाता है। कच्चे तेल के बाद देश में सोने का सबसे अधिक आयात किया जाता है।