देश को एमआरओ का हब बनाएगी सरकार, एयरपोर्ट्स की नीलामी PPP मॉडल के आधार पर
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देश को एमआरओ का हब बनाएगी सरकार, एयरपोर्ट्स की नीलामी PPP मॉडल के आधार पर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार देश को विमानों के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (एमआरओ) का हब बनाने के लिए कदम उठा रही है.

देश को एमआरओ का हब बनाएगी सरकार, एयरपोर्ट्स की नीलामी PPP मॉडल के आधार पर

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार देश को विमानों के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (एमआरओ) का हब बनाने के लिए कदम उठा रही है.

सीतारमण ने शनिवार को आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त की घोषणा करते हुए कहा, ‘यदि हम भारत को एक बड़ा केंद्र बना पाते हैं, तो इससे नागर विमान ही नहीं, रक्षा विमान क्षेत्र को भी लाभ होगा. इससे सभी एयरलाइंस के लिए रखरखाव की लागत घटेगी. अंत में इसका लाभ यात्रियों को मिलेगा. उनके लिए यात्रा की लागत घटेगी.’

उन्होंने 6 और हवाई अड्डों की नीलामी सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के आधार पर करने की घोषणा की. वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय हवाई क्षेत्र के बेहतर इस्तेमाल के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.

वित्त मंत्री ने कहा कि एक प्रतिस्पर्धी भारतीय एमआरओ उद्योग से स्थानीय एयरलाइंस को इस तरह के कार्यों पर खर्च घटाने में मदद मिलेगी. अभी तक यह काम ज्यादातर विदेशों में किया जाता है. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में है और इसमें ऊंची वृद्धि की क्षमता है.

सीतारमण ने कहा कि एमआरओ के लिए भारत के पास क्षमता, श्रमबल और कौशल है. उन्होंने कहा कि अभी विमान कलपुर्जा मरम्मत और एयरफ्रेम रखरखाव क्षेत्र 800 करोड़ रुपये का है. यह अगले तीन साल में 2,000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा.

आर्थिक समीक्षा 2019-20 के अनुसार, भारतीय विमानन कंपनियों का एमआरओ सेवाओं का सालाना आयात 9,700 करोड़ रुपये है.

( इनपुट: भाषा )

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