खुशखबरी: अब मिलेगा सस्ता घर, कम होंगे दाम, सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला
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खुशखबरी: अब मिलेगा सस्ता घर, कम होंगे दाम, सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

घर खरीदारों के लिए बड़ी खुशखबरी है. जल्द ही घर और सस्ते हो सकते हैं. दरअसल, सरकार ने सस्ते घरों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है.

खुशखबरी: अब मिलेगा सस्ता घर, कम होंगे दाम, सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

नई दिल्ली: घर खरीदारों के लिए बड़ी खुशखबरी है. जल्द ही घर और सस्ते हो सकते हैं. दरअसल, सरकार ने सस्ते घरों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने अपार्टमेंट के निर्माण के एक साल के अंदर उसे बेचना जरूरी कर दिया है. यह कानून भी लागू कर दिया गया है. मतलब यह कि जो भी बिल्डर अपार्टमेंट शुरू करते हैं, उन्हें एक साल में उसे पूरा करके ग्राहकों को देना होगा. नए नियम के मुताबिक, ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) मिलने के एक साल के भीतर बिल्डर अगर फ्लैट्स नहीं बेचता है तो फ्लैट की कुल कीमत का 10 फीसदी टैक्स उसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देना पड़ सकता है. इसके लिए इनकम टैक्‍स एक्‍ट के सेक्‍शन 22 और सेक्‍शन 23 में बदलाव किया गया है.

  1. सरकार ने बिल्डर्स, डेवलपर्स पर लागू किया नया नियम
  2. निर्माण के एक साल के अंदर बेचना होगा फ्लैट या घर
  3. नहीं बेचने पर 10 फीसदी तक चुकाना होगा इन्वेंट्री टैक्स

आने वाले दो साल तक नहीं बढ़ेंगी कीमत
एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में इस समय लगभग 4.5 लाख फ्लैट्स अनसोल्‍ड हैं. बिल्‍डरों के लिए इन फ्लैट्स को जल्‍द बेचना अब जरूरी हो गया है. माना जा रहा है कि इससे फ्लैट्स की कीमतें और कम हो जाएंगी. सरकार के इस कदम से भले ही बिल्‍डर्स को परेशानी होने जा रही है, लेकिन होम बायर्स के लिए यह अच्‍छी खबर है, क्‍योंकि अब बिल्‍डर आनन-फानन में प्रोजेक्‍ट बेचना होगा. अभी जितनी इन्‍वेंट्री है, उसे देखते हुए आने वाले दो वर्षों तक प्रॉपर्टी की कीमतों में इजाफा संभव नहीं लगता है.

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कीमतें कम करना है मकसद
सरकार के इस कदम का मकसद साफ तौर पर घरों और फ्लैट्स की कीमतें कम करना है. सरकार के इस फैसले उन लोगों को भी फायदा मिलेगा जो अभी तक घर नहीं खरीद पाए हैं. दरअसल, अभी तक बिल्डर्स मनमानी कीमतों पर फ्लैट बेचने के लिए इंवेंट्री रोके रखते थे. वहीं, घर खरीदार भी ज्यादा कीमत होने पर घर खरीदने से बचते थे. इस फैसले से बिल्डर को इंवेंट्री निकालना जरूरी हो जाएगा. साथ ही घर खरीदारों को भी रिजनेबल रेट पर फ्लैट मिल सकेगा. 

डेवलपर्स पर कितना लगेगा टैक्‍स
अगर डेवलपर्स एक साल के भीतर अपार्टमेंट नहीं बेचते हैं तो उसे उन फ्लैट्स की रेंटल वैल्‍यू का लगभग 30 फीसदी टैक्स देना पड़ सकता है. यह किसी फ्लैट को अधिक समय तक होल्‍ड करने की स्थिति में उसकी कुल कीमत के 10 फीसदी तक टैक्स जा सकता है. इसका मतलब है कि अगर किसी फ्लैट की कीमत एक करोड़ रुपए है तो बिल्‍डर को 10 लाख रुपए तक टैक्‍स देना पड़ सकता है. लग्‍जरी फ्लैट्स के मामले में तो टैक्‍स की रकम और अधिक हो सकती है.

रियल्‍टी सेक्‍टर में सुधार
सरकार के इस कदम से इन्‍वेंट्री यानी बिना बिके फ्लैट्स की संख्‍या कम होगी. फिच की हालिया रिपोर्ट में भी कहा गया है कि 2018 में इन्‍वेंट्री में गिरावट आएगी, क्‍योंकि डेवलपर्स रेरा के नियमों के अनुरूप प्रोजेक्‍ट पूरा करने पर अधिक फोकस कर रहे हैं. 

सरकार ने पहले ही दे दिया था इशारा
सरकार ने घर खरीदारों के लिए इस नियम का जिक्र 2017 के बजट में ही कर दिया था. सरकार ने कहा था कि अगर किसी अपार्टमेंट या फ्लैट को एक साल से अधिक होल्‍ड पर रखा जाता है तो उस पर टैक्‍स लगाया जा सकता है. अब सरकार ने साफ कर दिया था कि इस नए नियम को 2018 से लागू कर दिया जाएगा. 

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