Budget से पहले अच्छी खबर, GST कलेक्शन में हैट्रिक मारकर कमाए इतने रुपये
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Budget से पहले अच्छी खबर, GST कलेक्शन में हैट्रिक मारकर कमाए इतने रुपये

आर्थिक बजट (Union Budget 2020) पेश होने से पहले एक अच्छी खबर. जनवरी में जीएसटी संग्रह 1.1 लाख करोड़ रुपये रहा.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: देश के आर्थिक बजट (Budget 2020) पेश होने से पहले एक अच्छी खबर सामने आ रही है. विकास दर (GDP) के धीमी गति के बीच एक अच्छी खबर आई है. केंद्र सरकार ने एक बार फिर वस्तु एवं सेवा कर (GST)  में जबरदस्त कलेक्शन किया है. एक बार फिर जीएसटी कलेक्शन में एक लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार हो गया है. इससे पहले भी दो महीने तक लगातार जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ का आंकड़ा छू चुका है. जनवरी में जीएसटी संग्रह 1.1 लाख करोड़ रुपये रहा.

प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में जीएसटी (GST) का घरेलू संग्रह करीब 86,453 करोड़ रुपये रहा है. वहीं एकीकृत जीएसटी (IGST) और उपकर से 23,597 करोड़ रुपये जमा हुए. इसके पहले दो महीने यानी नवंबर और दिसंबर 2019 में भी जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था. नवंबर महीने में जीएसटी वसूली 1,03,492 करोड़ रुपये जबकि दिसंबर में ये आंकड़ा 1,03,184 करोड़ रुपये रहा. बता दें कि जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद अप्रैल 2019 में जीएसटी कलेक्शन सबसे ज्यादा 1,13,865 करोड़ रुपये रहा था.

लगातार निगरानी और सख्ती ने बढ़ाया कलेक्शन
एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से राजस्व विभाग ने जीएसटी में होने वाली धांधली और चोरी पर नकेल कसा है. जीएसटी में पारदर्शिता और सख्ती लाने के लिए आयकर विभाग, जीएसटी अधिकारी और प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर विभाग साथ काम कर रहे हैं. सरकार टैक्स चोरी के खिलाफ अभियान चला रही है. जो लोग फर्जी बिल के इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठा रहे हैं, उनके खिलाफ जांच में तेजी लाई जा रही है.

इससे पहले मोदी सरकार ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. इस सर्वे में सरकार ने अगले वित्त वर्ष यानी 2020-21 के लिए 6 से 6.5 फीसदी विकास का अनुमान लगाया है. सर्वे में आर्थिक हालात को सुधारने और अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के साथ ही पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए दो खास बिंदुओं पर फोकस करने को कहा गया है. बताया गया है कि सरकार प्रो बिजनेस यानी कारोबारों को फायदा पहुंचाने वाली नीतियां बनाए, जिससे प्रतिस्पर्धी बाजार की असल क्षमता सामने आए. 

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