देश में माल एवं सेवाकर (GST) क्रियान्वयन के मामलों में सर्वाधिकार प्राप्त जीएसटी परिषद ने माल के अंतरराज्यीय आवागमन के लिए एक जून 2018 से ई-वे बिल के अनिवार्य रूप से अनुपालन को मंजूरी दी है.
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नई दिल्ली : देश में माल एवं सेवाकर (GST) क्रियान्वयन के मामलों में सर्वाधिकार प्राप्त जीएसटी परिषद ने माल के अंतरराज्यीय आवागमन के लिए एक जून 2018 से ई-वे बिल के अनिवार्य रूप से अनुपालन को मंजूरी दी है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. परिषद ने माल के अंतरराज्यीय आवागमन के लिए अनुपालन तिथि एक फरवरी तय की है. परिषद सूत्रों ने यह जानकारी दी. ई-वे बिल सुविधा 15 जनवरी से परीक्षण के तौर पर उपलब्ध हो जाएगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में शनिवार को हुई जीएसटी परिषद की 24वीं बैठक में ये फैसले लिए गए.
नई व्यवस्था में 50,000 रुपए से अधिक मूल्य का सामान लाने ले जाने के लिए ई-वे बिल की आवश्यकता होगी. किसी एक राज्य के भीतर 10 किलोमीटर के दायरे में माल भेजने पर आपूर्तिकर्ता को जीएसटी पोर्टल पर उसका ब्योरा डालने की जरूरत नहीं होगी.
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जीएसटी व्यवस्था में ई-वे बिल की शुरुआत कर चोरी रोकने के लिए की गई है. अक्टूबर माह में कर वसूली में गिरावट को लेकर कर चोरी को सरकार ने एक बड़ी वजह बताया है. अक्टूबर माह में जीएसटी के तहत राजस्व प्राप्ति 83,346 करोड़ रुपए रही है जो कि एक जुलाई को इसके अमल में आने के बाद सबसे कम रही है.
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सितंबर में राजस्व प्राप्ति 95,131 करोड़ रुपये रही उसके मुकाबले अक्तूबर माह में यह काफी कम रही. बैठक में व्यवस्था की कमियों को दुरुस्त करने के साथ ही कर चोरी को रोकने पर भी विचार- विमर्श किया गया. यह जीएसटी परिषद की 24वीं बैठक थी. इससे पहले बैठक गुवाहाटी में हुई थी. गुवाहाटी में हुई बैठक में 178 वस्तुओं पर कर घटाया गया था.