खुशखबरी : अब घर बनाना होगा सस्‍ता, मोदी सरकार लेने जा रही है एक बड़ा फैसला
Advertisement

खुशखबरी : अब घर बनाना होगा सस्‍ता, मोदी सरकार लेने जा रही है एक बड़ा फैसला

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली परिषद ने पिछले डेढ़ साल में 191 वस्तुओं पर कर दर कम करके 28 प्रतिशत की श्रेणी को युक्तिसंगत बनाया है.

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली : जीएसटी परिषद की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में सीमेंट जैसी निर्माण कार्य में काम आने वाली वस्तुओं पर कर दर में कटौती हो सकती है. इसके साथ ही जीएसटी की 28 प्रतिशत की सबसे ऊंची कर श्रेणी को तर्कसंगत बनाया जा सकता है. वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली परिषद ने पिछले डेढ़ साल में 191 वस्तुओं पर कर दर कम करके 28 प्रतिशत की श्रेणी को युक्तिसंगत बनाया है. इस श्रेणी में अब केवल 35 वस्तुएं हैं, जिन पर सबसे ऊंची दर से कर लगाया जाता है. जीएसटी परिषद में सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं.

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘केवल उन वस्तुओं को 28 प्रतिशत कर की श्रेणी में रखे जाने का विचार है जिनका उपयोग विलासिता के लिए किया जाता है और जो अहितकर हैं.’’ जीएसटी परिषद की अगली बैठक 22 दिसंबर को होगी.

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) एक जुलाई 2017 में लागू किया गया. उस समय 28 प्रतिशत कर की श्रेणी में 226 वस्तुएं थी.

ये भी पढ़ें- घर खरीदारों को सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, अब ऐसे घरों पर नहीं देना होगा GST

fallback

जीएसटी परिषद ने जुलाई बैठक में पेंट, वार्निश, इत्र, रूप सज्जा, मिक्सर ग्राइन्डर, वैक्यूम क्लीनर, लिथियम आयन बैटरी जैसी वस्तुओं पर दरों में कटौती कर 28 प्रतिशत की श्रेणी को तर्कसंगत बनाया था. इन वस्तुओं पर कर की दर को कम कर 18 प्रतिशत किया गया.

उच्च कर श्रेणी में आने वाले 35 जिंसों में सीमेंट, वाहनों के कल-पुर्जे, टायर, वाहनों के उपकरण, मोटर वाहन, विमान, सट्टा तथा तंबाकू, सिगरेट और पान मसाला जैसी अहितकर वस्तुएं शामिल हैं.

अधिकारी ने कहा कि सीमेंट पर जीएसटी दर कम होने से आवास और निर्माण उद्योग को गति मिलेगी. साथ ही रोजगार बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.

Trending news