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नई दिल्ली: GST Latest News: टैक्सपेयर्स के लिए राहत भरी खबर है. अब आपको CA के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सरकार के आदेश के अनुसार, अब 5 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार वाले गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (Goods and Services Tax) टैक्सपेयर्स अपने वार्षिक रिटर्न को खुद प्रमाणित (Self Certify) कर सकेंगे. यानी अब चार्टर्ड अकाउंटेंट (Chartered Accountants) से अनिवार्य ऑडिट सर्टिफिकेशन कराने की जरूरत नहीं होगी. इसके लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) ने निर्देश भी जारी किया है.
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के तहत 2020-21 के लिए 2 करोड़ रुपये तक के सालाना कारोबारियों को छोड़कर अन्य सभी इकाइयों के लिए वार्षिक रिर्टन जीएसटीआर-9/9ए (GSTR-9/9A) दायर करना अनिवार्य है. गौरतलब है कि 5 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाले टैक्सपेयर्स को फॉर्म जीएसटीआर-9सी (GSTR-9C) के रूप में समाधान विवरण जमा कराने की जरूरत होती थी. इसके बाद इस विवरण को ऑडिट के बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट सत्यापित करता है.
Compliance burden reduced for GST Taxpayers.
Taxpayers with AATO upto Rs. 5 crore not required to file the reconciliation statement in Form GSTR-9C for FY 20-21 onwards.
Taxpayers with AATO above Rs. 5 crore can now self-certify the reconciliation statement in Form GSTR-9C. pic.twitter.com/x6QcpDHwwa
— CBIC (@cbic_india) August 1, 2021
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सीबीआईसी (CBIC) के अधिसूचना के अनुसार, जीएसटी नियमों में संशोधन किया है. इसके तहत 5 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार वाले करदाताओं को वार्षिक रिटर्न के साथ स्व प्रमाणित समाधान विवरण देना होगा. अब इसके लिए सीए के प्रमाणन की जरूरत नहीं होगी.
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि सरकार ने पेशेवर पात्र चार्टर्ड अकाउंटेंट से जीएसटी ऑडिट की जरूरत को समाप्त कर दिया है. अब टैक्स पेयर्स को वार्षिक रिटर्न और समाधान विवरण खुद सत्यापित कर जमा कराना होगा. उन्होंने कहा कि इससे हजारों टैक्सपेयर्स को अनुपालन के मोर्चे पर राहत मिलेगी लेकिन जानबूझकर या अनजाने में वार्षिक रिटर्न में गलत विवरण से दिक्कत आ सकती है.
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इसी के साथ आपको बता दें कि जुलाई के महीने में सरकारी खजाने में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स से 1 लाख 16 हजार 393 करोड़ आए. जुलाई 2020 के मुकाबले इसमें 33 फीसदी की तेजी आई है. जुलाई 2021 के जीएसटी कलेक्शन में स्टेट जीएसटी (SGST) 28541 करोड़, सेंट्रल जीएसटी (CGST) 22197 करोड़ और IGST 57864 करोड़ है. IGST में 27,900 करोड़ इंपोर्ट की मदद से आए हैं. सेस से 7,790 करोड़ आए जिसमें 815 करोड़ इंपोर्टेड गुड्स पर लगने वाले सेस से आए हैं. यानी अब अर्थ व्यवस्था में सुधार होता दिख रहा है.
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