वित्त मंत्रालय के अधीन CBIC ने इस तरह के प्रस्ताव को सिरे से ख़ारिज करते हुए कहा है कि एम्प्लायी की सैलरीड सर्विसेज को न तो सप्लाई ऑफ सर्विस कहा जा सकता है और न ही सप्लाई ऑफ गुड्स कहा जा सकता है. इसलिए CGST एक्ट के प्रावधानों के तहत इस पर GST लगाने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
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नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने ये साफ कर दिया है कि कंपनी के CEO की सैलरी पर GST लगाने की कोई योजना नहीं है. दरअसल, इस तरह की खबरें आ रही थी कि सरकार एम्प्लॉयी की सैलरी पर GST लगा सकती है और इसके लिए सीईओ की सैलरी को कंपनी के ब्रांच आफिस से अटैच करके इसे सप्लाई ऑफ सर्विस मानकर इस पर GST लगाया जा सकता है.
अब वित्त मंत्रालय के अधीन CBIC ने इस तरह के प्रस्ताव को सिरे से ख़ारिज करते हुए कहा है कि एम्प्लायी की सैलरीड सर्विसेज को न तो सप्लाई ऑफ सर्विस कहा जा सकता है और न ही सप्लाई ऑफ गुड्स कहा जा सकता है. इसलिए CGST एक्ट के प्रावधानों के तहत इस पर GST लगाने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
CBIC ने साफ किया कि वस्तु या सर्विसेज पर कस्टमर से एक निश्चित दाम पर सप्लायर GST चार्ज करता है. इसमें कच्चे माल की लागत, मशीनों और कर्मचारी लागत भी शामिल होती है, लेकिन कर्माचरियों को दी जाने वाली सैलरी इसमें शामिल बिल्कुल ही नहीं है.
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