भारतीय-अमेरिकी कारोबार के समर्थक एक प्रभावशाली समूह ने हर साल विदेशी तकनीकी पेशेवरों को दिए जाने वाले कार्य वीजाओं की संख्या को बढ़ाने का आह्वान करते हुए यह दलील दी है कि एच1बी वीजा की संख्या को सीमित करने का असर अमेरिकी कंपनियों की वैश्विक प्रतियोगिता करने की क्षमता पर पड़ेगा।
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वाशिंगटन: भारतीय-अमेरिकी कारोबार के समर्थक एक प्रभावशाली समूह ने हर साल विदेशी तकनीकी पेशेवरों को दिए जाने वाले कार्य वीजाओं की संख्या को बढ़ाने का आह्वान करते हुए यह दलील दी है कि एच1बी वीजा की संख्या को सीमित करने का असर अमेरिकी कंपनियों की वैश्विक प्रतियोगिता करने की क्षमता पर पड़ेगा।
यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) के अध्यक्ष मुकेश अगी का कहना है कि, ‘जिन क्षेत्रों पर अमेरिका को ध्यान देना है उनमें से एक है एच-1बी। आप उसे विस्तार कैसे देंगे? इनकी संख्या (एच1बी वीजा की संख्या) सीमित करने से अमेरिकी कंपनियों पर असर पड़ेगा। इसे महंगा बना देने से अमेरिकी कंपनियां प्रभावित होंगी ।’
कांग्रेस की तरफ से अनिवार्य किए गए मौजूदा नियमों के तहत अमेरिका हर साल 60 हजार एच-1बी वीजा देता है और 20 हजार अन्य वीजा उन विदेशी पेशेवरों को दिए जाते हैं, जो कि अमेरिका के विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा में डिग्रियां लेते हैं। इस साल अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) को मिले आवेदनों की संख्या मंजूर किए जा सकने वाले एच-1बी वीजाओं की संख्या से कई हजार ज्यादा है। इस कारण इसे सफल आवेदकों पर निर्णय लेने के लिए कंप्यूटरीकृत ड्रॉ की मदद लेनी पड़ रही है।