इंफोसिस की कार्यप्रणाली को लेकर चिंता वापस नहीं ली है: नारायणमूर्ति
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इंफोसिस की कार्यप्रणाली को लेकर चिंता वापस नहीं ली है: नारायणमूर्ति

सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने आज इस बात से इनकार किया कि उन्होंने कंपनी के निदेशन में कमी को लेकर अपनी चिंताएं वापस ले ली हैं।

इंफोसिस की कार्यप्रणाली को लेकर चिंता वापस नहीं ली है: नारायणमूर्ति

बेंगलूरु: सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने आज इस बात से इनकार किया कि उन्होंने कंपनी के निदेशन में कमी को लेकर अपनी चिंताएं वापस ले ली हैं।

उन्होंने कहा कि इंफोसिस के निदेशक मंडल को इन चिंताओं का जवाब ‘समुचित तरीके से’ देना होगा और अब ‘पूरी पारदर्शिता दिखायी जानी चाहिए और इसके लिए लिए उत्तरदायी लोगों को उत्तरदायित्व लेना चाहिए।’ नारायणमूर्ति ने कहा, ‘नहीं, मैंने जो चिंता प्रकट की थी उसे वापस नहीं लिया है। बोर्ड को समुचित तरीके से इनका समाधान करना होगा। पूरी पारदर्शिता दिखायी जानी चाहिए और जिन लोगों का दायित्व बनता है उन्हें उत्तरदायित्व स्वीकार करना चाहिए।’ इंफोसिस के पूर्व प्रमुख से उन खबरों के बारे में पूछा गया था जिनमें दावा किया गया था कि उन्होंने कंपनी संचालन के मुद्दे पर बोर्ड से लड़ाई में अपने पांव पीछे खींच लिए हैं।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि इंफोसिस के निदेशक मंडल में सभी लोग ‘अच्छी नियत रखने वाले और बहुत ईमानदार हैं, पर अच्छे लोगों से भी कभी-कभी गलती हो जाती है।’ उन्होंने कहा, ‘अच्छे नेतृत्व का फर्ज बनता है कि वह सभी संबद्ध पक्षों की चिंताओं पर ध्यान दे और निर्णयों का पुनर्मूल्यांकन करे तथा उसका परिमार्जन करे। मुझे उम्मीद है कि चीजें ठीक करने की कार्रवाई जल्द होगी और वे कंपनी के हित में संचालन व्यवस्था को अधिक अच्छा बना जाएंगे।’

नारायणमूर्ति ने बेंगलुरू की इस कंपनी में संचालन के स्तर और पारदर्शिता को लेकर कुछ दिन पहले कुछ सवाल उठाए थे। तब से कंपनी चर्चा में हैं। कंपनी के कुछ संस्थापकों ने मुख्य कार्यकारी विशाल सिक्का का वेतन बढ़ाकर 1.1 करोड़ डॉलर किए जाने और दो पूर्व अधिकारियों राजीव बंसल (मुख्य वित्त अधिकारी) तथा डेविड केनेडी (महा-विधि परामर्शदाता) को नौकरी छोड़ने के समय दिए गए विदायी पैकेज पर आपत्तियां उठाते हुए इसे इंफोसिस की कार्यसंस्कृति और संचालन परम्परा के खिलाफ बताया था।

यही नहीं इस बारे में यह भी बात उठायी गयी कि ऐसी चूक के लिए कंपनी के चेयरमैन रामास्वामी शेषशायी को पद छोड़ देना चाहिए और निदेशक मंडल का पुनर्गठन होना चाहिए। लेकिन इंफोसिस ने इन निर्णयों को कंपनी और शेयरधारकों के हक में उचित बताया है।

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