यहां मिलेगी सबसे ज्यादा सैलरी, ग्रेजुएट भी उठा सकते हैं इसका फायदा
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यहां मिलेगी सबसे ज्यादा सैलरी, ग्रेजुएट भी उठा सकते हैं इसका फायदा

वैसे तो हर कोई प्रोफेशनल कोर्स करके अच्छी नौकरी की तलाश में रहता है. घर परिवार भी यही सोचते हैं कि उनका बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर या सीए जैसे प्रोफेशन में जाए. लेकिन, इन दिनों ट्रेंड बदल चुका है. अब नए कोर्स, कुछ अलग हटके करने की सोच से युवा नई तरह की नौकरी करने की कोशिश करते हैं. इस तरह की जॉब में स्‍कोप तो होता ही है साथ में अच्छी कमाई भी होती है. 

रिलेशनशिप थेरेपिस्‍ट से लेकर सोशल मीडिया मैनेजर तक की नौकरी में मिलेगी जबरदस्त सैलरी.

नई दिल्ली: वैसे तो हर कोई प्रोफेशनल कोर्स करके अच्छी नौकरी की तलाश में रहता है. घर परिवार भी यही सोचते हैं कि उनका बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर या सीए जैसे प्रोफेशन में जाए. लेकिन, इन दिनों ट्रेंड बदल चुका है. अब नए कोर्स, कुछ अलग हटके करने की सोच से युवा नई तरह की नौकरी करने की कोशिश करते हैं. इस तरह की जॉब में स्‍कोप तो होता ही है साथ में अच्छी कमाई भी होती है. रिलेशनशिप थेरेपिस्‍ट से लेकर सोशल मीडिया मैनेजर तक की नई नौकरियों में उम्‍मीद से ज्‍यादा सैलरी मिल रही है. खास बात यह है इनमें से अधिकतर नौकरियां ऐसी हैं जिनमें किसी प्रोफेशनल डिग्री या हाई क्‍वालिफिकेशन की जरूरत नहीं. बल्कि ग्रेजुएट लोग भी इसे अपना प्रोफेशन बना सकते हैं. इन सेक्‍टर्स में जबरदस्‍त कमाई का मौका है. हम आपको ऐसी ही कुछ नौकरियों की जानकारी दे रहे हैं, जिनमें और प्रोफेशन के मुकाबले ज्यादा सैलरी मिलती है.

  1. नए कोर्स, कुछ अलग हटके करने की ओर युवाओं का रुझान
  2. किसी प्रोफेशनल डिग्री या हाई क्‍वालिफिकेशन की जरूरत नहीं
  3. टेक की दुनिया में ऐप डेवलपर की जबरदस्‍त डिमांड है

ऐप डेवलपर 
क्‍वालिफिकेशन: कम से कम ग्रेजुएट और ऐप डेवलपमेंट का कोर्स
सैलरी: 50 हजार से 5 लाख रुपए तक प्रति माह
टेक की दुनिया में ऐप डेवलपर की जबरदस्‍त डिमांड है. वर्तमान में हर नई कंपनियां अपना ऐप लॉन्च कर रही हैं और उस ऐप से जुड़ी हर तरह की जानकारियां ऐप डेवलपर करते हैं. इस सेक्‍टर में इस साल बहुत स्‍कोप है. अगर आप इसके लिए योग्‍य हैं तो सैलरी भी उम्‍मीद से ज्‍यादा मिल सकती है.

सोशल मीडिया मैनेजर
क्‍वालिफिकेशन: कम से कम ग्रेजुएट
सैलरी: – 30 हजार से 3 लाख रुपए तक प्रति माह
वर्तमान दौर में सोशल मीडिया का क्रेज जबरदस्‍त है. ऐसे में कंपनियां भी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहना चाहती हैं और अपनी कंपनी के प्रचार – प्रसार के लिए अलग से टीम हायर करती हैं. इस टीम को जो हैंडल करता है वह सोशल मीडिया मैनेजर होता हैं. यह सोशल मीडिया पर कंपनी के रेप्‍युटेशन को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं.

टे‍क्‍निकल राइटर
क्‍वालिफिकेशन: कम से कम ग्रेजुएट
सैलरी: 50 हजार से 1.7 लाख रुपए तक प्रति माह
राइटर और कंटेंट राइटर के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन टेक्निकल राइटर इन सबसे बिल्‍कुल अलग हैं. हालांकि टेक्निकल राइटर काम भी लिखना होता है लेकिन इनका फोकस आईटी फर्म और उनकी टेक्‍नोलॉजी से जुड़ा होता है या फिर वह प्रोग्रामिंग कंपनी के लिए काम करते हैं. टेक्निकल राइटर के लिए एडॉब, ऑरकल और इससे जुड़े ब्रांड की जानकारी रहनी बेहद जरूरी है.

SEO एनालिस्‍ट
क्‍वालिफिकेशन: कम से कम ग्रेजुएट
सैलरी: 30 हजार से 1 लाख रुपए तक प्रति माह
SEO का पूरा नाम सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन है. किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग की सफलता के लिए एसईओ एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है. यहएसईओ ही है, जिसका उपयोग करके कोई भी वेबसाइट सर्च इंजन जैसे गूगल, याहू आदि में पहले पेज पर दिखती है. यहां एनालिस्‍ट के कैरियर में बहुत स्‍कोप है.

रिलेशनशिप थेरेपिस्‍ट
क्‍वालिफिकेशन: कम से कम ग्रेजुएट
सैलरी: 30 हजार से 1 लाख रुपए तक प्रति माह
पश्चिमी देशों में रिलेशनशिप थेरेपिस्‍ट का प्रोफेशन खूब चलन में हैं. भारत में इस जॉब की अभी शुरुआत ही हुई है, इसलिए इस सेक्‍टर में बहुत से मौके हैं. इस जॉब का मकसद कपल्स के रिलेशनशिप को बेहतर तरीके से चलाने के लिए टिप्‍स देने का होता है. इसके अलावा अगर रिलेशनशिप में कड़वाहट आई है तो ऐसे में थेरेपिस्‍ट मदद करते हैं.

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