दिल्ली-मुंबई नहीं, इस शहर में सबसे ज्यादा बढ़ी घरों की कीमतें; जानिए क्यों आसमान छू रहे घर के दाम
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दिल्ली-मुंबई नहीं, इस शहर में सबसे ज्यादा बढ़ी घरों की कीमतें; जानिए क्यों आसमान छू रहे घर के दाम

Real State Market: रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक के अनुसार, उत्पादन लागत में बढ़ोतरी तथा लग्जरी घरों की आपूर्ति बढ़ने से आवास कीमतों में तेज उछाल आया है. हैदराबाद में कीमतों में सबसे अधिक 32 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.

दिल्ली-मुंबई नहीं, इस शहर में सबसे ज्यादा बढ़ी घरों की कीमतें; जानिए क्यों आसमान छू रहे घर के दाम

House Price in Delhi: साल की तीसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर के बीच दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में घरों की कीमतें सालाना आधार पर 29 प्रतिशत बढ़ी हैं. वहीं, हैदराबाद में घरों की कीमतों में सबसे अधिक 32 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक के अनुसार, उत्पादन लागत में बढ़ोतरी तथा लग्जरी घरों की आपूर्ति बढ़ने से आवास कीमतों में तेज उछाल आया है. 

रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की औसत कीमत जुलाई-सितंबर तिमाही में 29 प्रतिशत बढ़कर 7,200 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 5,570 रुपये प्रति वर्ग फुट थी. बेंगलुरु में इस कैलेंडर साल की तीसरी तिमाही में घरों की कीमतें 29 प्रतिशत बढ़कर 8,100 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 6,275 रुपये प्रति वर्ग फुट थीं.  

हैदराबाद में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी

हैदराबाद में कीमतों में सबसे अधिक 32 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो 5,400 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 7,150 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई. मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में औसत आवास कीमतें 13,150 रुपये प्रति वर्ग फुट से 24 प्रतिशत बढ़कर 16,300 रुपये हो गईं. पुणे में कीमतें 6,550 रुपये प्रति वर्ग फुट से 16 प्रतिशत बढ़कर 7,600 रुपये हो गईं, जबकि चेन्नई में यह 5,770 रुपये प्रति वर्ग फुट से 16 प्रतिशत बढ़कर 6,680 रुपये हो गईं. 

कोलकाता में जुलाई-सितंबर में औसत आवास कीमतें 14 प्रतिशत बढ़कर 5,700 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 5,000 रुपये प्रति वर्ग फुट थीं. 

क्यों आसमान छू रहे घरों के दाम?

बेंगलुरु स्थित रियल्टी फर्म वैष्णवी ग्रुप के निदेशक दर्शन गोविंदराजू का कहना है कि आवासीय संपत्ति की औसत कीमतों में पिछली कुछ तिमाहियों से वृद्धि हो रही है. इसकी वजह कुल उत्पादन लागत में बढ़ोतरी है. इसमें भूमि अधिग्रहण की लागत और निर्माण लागत शामिल हैं. इसके अलावा लग्जरी यानी महंगे घरों की मांग बढ़ने से भी आवास कीमतों में उछाल देखने को मिला है. 

एनारॉक ने पिछले सप्ताह कहा था कि शीर्ष सात शहरों में औसत आवासीय संपत्ति की कीमतें सामूहिक रूप से सालाना 23 प्रतिशत बढ़ी हैं. 2023 की तीसरी तिमाही में 6,800 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में यह 8,390 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं. 

घरों की बिक्री में 11 प्रतिशत की कमी

एनारॉक के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई-सितंबर में घरों की बिक्री 11 प्रतिशत घटकर 1,07,060 इकाई रह गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 1,20,290 इकाई थी. शीर्ष सात शहरों में नए घरों की आपूर्ति में 19 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. जुलाई-सितंबर, नए घरों की पेशकश 93,750 इकाई रही, जो 2023 में इसी अवधि में 1,16,220 इकाई थी. एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि फिर भी पेशकश की तुलना में बिक्री अधिक होना यह दर्शाता है कि मांग-आपूर्ति का समीकरण मजबूत बना हुआ है.

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