सोना कितना खरा है? शुद्धता के प्रमाण को लेकर सरकार सख्त, जानें पूरी योजना
Gold Hallmarking: सरकार ने सोने की शुद्धता की परख के लिए हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने का निर्णय लिया. इसको चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है. इस योजना का दूसरा चरण एक जून से शुरू होगा.
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Gold Hallmarking: सरकार ने शनिवार को कहा कि सोने के आभूषण और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग का दूसरा चरण इस साल एक जून से शुरू होगा. सोने की हॉलमार्किंग इस महंगी धातु की शुद्धता का प्रमाण होती है. यह 16 जून 2021 तक स्वैच्छिक था जिसके बाद सरकार ने सोने की अनिवार्य हॉलमार्किंग को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का निर्णय लिया. पहले चरण में देश के 256 जिलों को इसके दायरे में लाया गया.
हॉलमार्किंग का दूसरा चरण
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि अनिवार्य हॉलमार्किंग के दूसरे चरण के दायरे में स्वर्ण आभूषणों के तीन अतिरिक्त कैरेट (20, 23 और 24 कैरेट) के अलावा 32 नये जिले आएंगे, जहां पहले चरण के क्रियान्वयन के बाद एक ‘परख एवं हॉलमार्क केंद्र (एएचसी)’ स्थापित किया गया है.
एक जून 2022 से हो जाएगा लागू
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने इस संबंध में आदेश अधिसूचित कर दिया है और एक जून, 2022 से यह लागू हो जाएगा. उसने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने 23 जून, 2021 से देश के 256 जिलों में सोने की अनिवार्य हॉलमार्किंग सफलतापूर्वक लागू की जहां हर दिन हॉलमार्क विशिष्ट पहचान (एचयूआईडी) के साथ 3 लाख से अधिक स्वर्ण आभूषणों पर हॉलमार्क लगाया जा रहा है.
ग्राहक भी जांच सकेगा सोने की शुद्धता
मंत्रालय के अनुसार बीआईएस के एक प्रावधान के तहत सामान्य उपभोक्ता भी बीआईएस द्वारा मान्यताप्राप्त एएचसी पर सोने के आभूषण की शुद्धता की जांच करा सकता है.
(इनपुट-भाषा)
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