नौकरी के साथ ऐसे करें Extra Income, नहीं करना होगा कुछ भी खर्च
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नौकरी के साथ ऐसे करें Extra Income, नहीं करना होगा कुछ भी खर्च

बुजुर्ग हमेशा कहते हैं कभी भी एक इनकम पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. महंगाई के जमाने में एक्सट्रा इनकम उतनी ही जरूरी हो गई है जितना कि प्राइमरी इनकम.

नौकरी के साथ ऐसे करें Extra Income, नहीं करना होगा कुछ भी खर्च

नई दिल्ली : बुजुर्ग हमेशा कहते हैं कभी भी एक इनकम पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. महंगाई के जमाने में एक्सट्रा इनकम उतनी ही जरूरी हो गई है जितना कि प्राइमरी इनकम. लेकिन यह भी सच है कि नौकरी के साथ एक्सट्रा इनकम आसान नहीं है. अगर आप यह सोच रहे हैं कि एक्सट्रा इनकम के लिए आपको कोई खर्चा करना होगा तो आप बिल्कुल गलत हैं. इसके लिए आपको केवल महीने के खर्च और सेविंग के बीच बैलेंस करना होगा. आगे पढ़िए आप किस तरह फुल टाइम नौकरी के साथ भी एक्सट्रा इनकम कर सकते हैं.

  1. हमेशा एक इनकम के साथ दूसरा कमाई का जरिया भी बनाए
  2. एक्सट्रा इनकम के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं
  3. आप कमाई बढ़ाने के लिए टैक्सेबल इनकम को कम कर सकते हैं

म्यूचुअल फंड में इनवेस्टमेंट
एक्सट्रा इनकम के लिए आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. शॉर्ट टर्म गोल के लिए आप डेब्ट फंड में इनवेस्ट कर सकते हैं. अगर आप लॉन्ग टर्म में निवेश कर ज्यादा रिटर्न हासिल करना चाहते हैं तो आप इक्विटी फंड का रुख कर सकते हैं. वहीं मीडियम टर्म के लिए आप डेब्ट और इक्विटी फंड में शामिल निवेश कर सकते हैं. हाल ही में खबर भी आई कि निवेशकों ने अप्रैल में म्यूचुअल फंड योजनाओं में 1.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है.

टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट
टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट भी इनवेस्टमेंट का अच्छा ऑप्शन है. इसके साथ ही आप अपनी टैक्सेबल इनकम को भी कम कर सकते हैं. यानी कम से कम टैक्स देने से आपको फायदा होगा. इसके लिए आप पीपीएफ, एनपीएस, एफडी, ईएलएसएस, यू-लिप और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में निवेश कर सकते हैं. इन सभी में निवेश करने से आपको सेक्शन 80सी के तहत इनकम टैक्स में भी छूट मिलती है.

एम्पलायर से करें बातचीत
अगर आप नौकरी चेंज कर रहे हैं तो अपने नियोक्ता से आप यह बात कर सकते हैं कि आपको टैक्स फ्रेंडली स्ट्रक्चर के तहत सैलरी का ब्रेकअप दें. अपनी सैलरी को आप ईपीएफ, हाउस रेंट अलाउंस, एलटीए और चिल्ड्रेन एजुकेशन अलाउंस के तहत री-स्ट्रक्चर करा सकते हैं.

इक्विटी फंड में लंबे समय तक निवेश
अगर आप इक्विटी फंड में निवेश करते हैं तो कोशिश करें कि कम से कम एक साल या इससे ज्यादा समय के लिए होल्ड करें. अगर आप अपनी यूनिट्स को एक साल से पहले बेच देते हैं तो आपको होने वाले मुनाफ को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा और इस पर आपको 15 प्रतिशत का टैक्स देना होगा. वहीं एक साल से ज्यादा अवधि पर आपको 10 प्रतिशत टैक्स देना होगा.

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