आम्रपाली के अनसोल्ड फ्लैट कैसे बेचे जाएं, सुप्रीम कोर्ट ने होम बायर्स से मांगे सुझाव
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आम्रपाली के अनसोल्ड फ्लैट कैसे बेचे जाएं, सुप्रीम कोर्ट ने होम बायर्स से मांगे सुझाव

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली (Amrapali) के अनसोल्ड फ्लैट को किस तरह बेचा जा सकता है इसकी योजना के लिए NBCC, होम बायर्स से सुझाव देने को कहा है. आम्रपाली (Amrapali) की अभी भी 2300 करोड़ की संपत्ति बेची जानी है.

आम्रपाली के अनसोल्ड फ्लैट कैसे बेचे जाएं, सुप्रीम कोर्ट ने होम बायर्स से मांगे सुझाव

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली (Amrapali) के अनसोल्ड फ्लैट को किस तरह बेचा जा सकता है इसकी योजना के लिए NBCC, होम बायर्स से सुझाव देने को कहा है. आम्रपाली (Amrapali) की अभी भी 2300 करोड़ की संपत्ति बेची जानी है. सुप्रीम कोर्ट ने NBCC को ये आदेश दिया है कि वह होमबॉयर्स को यह सुझाव दे कि 2300 करोड़ से अधिक जो अनसोल्ड फ्लैट्स उस समस्या से कैसे निकले. होमबॉयर्स के बचाव के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'जिन्होंने बैंको से लोन लेकर फ्लैट खरीदा है. होमबॉयर्स को लंबित ऋण राशि जारी करने के लिए क्या किया जा सकता है, इस बारे में सुझाव देने के लिए बैंकों को नोटिस जारी करें ताकि लंबित भुगतान किए जा सके.'

सरकार प्लाट खरीदने वालों के लिए जीएसटी और सेवाकर की गणना कैसे करेगी इसका सुझाव देने के लिए सरकार से अनुरोध करते हुए त्रिपक्षीय समझाते के लिए कहा है. लंबित भुगतानों को जमा करने के लिए होमबॉयर्स के लिए यूको बैंक में समर्पित बैंक खाता खोला जाए. सुप्रीम कोर्ट ने भुवनेश्वर और रायपुर के राजस्व अधिकारियों को नोटिस जारी कर कहा कि वह आम्रपाली (Amrapali) द्वारा जमीन की खरीद के लिए कितना पैसा जमा करें. दो संपत्तियों की फॉरेंसिक ऑडिट- हार्टबीट सिटी और ओ 2 वैली - की जानी है.

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सुप्रीम कोर्ट ने NBCC को आम्रपाली (Amrapali) की 2000 यूनिट को बेचने के लिए एक योजना दाखिल करने को कहा है. आम्रपाली (Amrapali) की O2 हैली और हार्टबीट सिटी की फॉरेन्सिक ऑडिट करने को आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली (Amrapali) बायर्स से बकाया राशि जमा करने को कहा है.

बकाया राशि जमा करने के लिए यूको बैंक को अपनी वेबसाइट पर फॉर्मेट बनाकर डालने को कहा है, जिसमे बायर्स अपना अपनी बकाया राशि जमा कर सकें. मामले की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी.

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को आदेश दिया कि वह एनबीसीसी को फंड दे ताकि अधर में लटके हुए फ्लैट्स का काम हो सके.कोर्ट ने 7.16 करोड़ रुपये देने को कहा था. यह पैसा आम्रपाली (Amrapali) ग्रुप ने ही सुप्रीम कोर्ट के पास जमा किया था. जिन दो प्रॉजेक्ट्स के लिए यह पैसा दिया जाएगा वह नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हैं.साथ ही कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटीज को एक स्पेशल सेल बनाने का आदेश दिया था. इन स्पेशल सेल का काम होगा कि ये नजर रखें कि लटका काम जल्दी पूरा हो रहा है या नहीं.यह सेल ही नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण घर खरीदारों को निर्माण कार्य पूरा होने का प्रमाण पत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) देगा.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को अधूरे प्रोजेक्ट्स पूरा करने को कहा था.कोर्ट ने RERA से अम्रपाली का रजिस्ट्रेशन रद्द करने करने के साथ ही पैसे के DIVERSION की जांच ED को सौंप दिया था.कोर्ट ने कहा था कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी प्रोजेक्ट्स के डेवलपमेंट की निगरानी करने में नाकाम रही.सुप्रीम कोर्ट ने बैंक अधिकरियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए थे और ED से मनी लांड्रिंग की जांच के आदेश दिए थे. गौरतलब है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी दोनो संसाधन और क्षमता न होने का हवाला देते हुए असमर्थता जताई थी.

इनपुट: सुमित कुमार

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