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नई दिल्ली: घर खरीदारों के लिए एक और राहत की खबर है. अगर आप मुंबई में घर खरीदना चाहते हैं तो आपके लिए इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता. क्योंकि घर खरीदने पर आपको स्टाम्प ड्यूटी भरने से छुटकारा मिल गया है. नए साल के लिए इस शानदार ऑफर्स से प्रॉपर्टी डीलर्स को उम्मीद है कि घरों की बिक्री में तेजी देखने को मिलेगी. स्टाम्प ड्यूटी पर ये छूट पूरे साल के लिए लागू रहेगी
स्टाम्प ड्यूटी में कटौती के फैसले के असर को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार घर खरीदारों को और राहत देने जा रही है. नए साल में राज्य सरकार डेवलपमेंट प्रीमियम चार्ज में 50 परसेंट कटौती का फैसला करने जा रही है. हालांकि इसका फायदा केवल उन डेवलपर्स को मिलेगा जो घर खरीदारों के बदले स्टाम्प ड्यूटी चुकाएंगे. सरकार के इस फैसले से रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की लागत घटेगी. साथ हीा घर खरीदारों के लिए भी फ्लैट खरीदना सस्ता होगा.
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डेवलपमेंट प्रीमियम फीस में 50 परसेंट की कटौती से बिल्डर्स को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि मुंबई जैसे शहरों में प्रोजेक्ट की कुल लागत का करीब 30 परसेंट हिस्सा प्रीमियम और सेस में ही चला जाता है. महंगी जमीन, प्रीमियम और सेस के चार्ज की वजह से कुल प्रोजेक्ट की कीमत काफी बढ़ जाती है और घर खरीदारों को ज्यादा कीमत देनी पड़ती है.
जब प्रीमियम चार्ज में 50 परसेंट की कटौती होगी तो कुल लागत में 15 परसेंट तक की गिरावट आ जाएगी. इसका सीधा असर प्रॉपर्टी की कीमतों पर पड़ेगा और घर खरीदारों को कम कीमत पर घर मिल सकेंगे. राज्य सरकार डेवलपर्स को प्रीमियम की राशि को किस्तों में चुकाने का भी विकल्प दे रही है जिससे बिल्डर्स को नकदी से जुड़ी दिक्कतें नहीं होंगी.
BMC कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने भी रियल एस्टेट सेक्टर को राहत देने के लिए शहर विकास मंत्रालय को प्रीमियम, सेस चार्जेस में 50 फीसदी की छूट देने की चिट्ठी लिख चुके हैं. आपको बता दें कि हर साल प्रीमियम और सेस से BMC को करीब 2000- 2500 करोड़ का रेवेन्यू मिलता है. लेकिन 2020 में रेवेन्यू कलेक्शन 600 करोड़ के करीब ही रहा है.
मुंबई जैसे शहर में जमीन की किल्लत की वजह से बिल्डर को कम जमीन में ज्यादा कंस्ट्रक्शन करना पड़ता है. लिफ्ट, सीढ़ियां, बालकनी वगैरह में अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन की मंजूरी जरूरी होती है जिसके लिए म्युनिसिपल कॉरपोरेशन प्रीमियम और सेस चार्ज करता है. अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन की मंजूरियां प्रोजेक्ट शुरू होने से लेकर प्रोजेक्ट के पूरे होने तक होती हैं.
आपको बता दें कि 26 अगस्त को महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में स्टाम्प ड्यूटी को लेकर बड़ा फैसला लिया गया था. बैठक में स्टाम्प ड्यूटी को 5 परसेंट से घटाकर 2-3 परसेंट रखने का फैसला लिया गया था. इस फैसले के मुताबिक, 31 दिसंबर तक रजिस्ट्रेशन करने पर स्टाम्प ड्यूटी 2 परसेंट और 1 जनवरी से 31 मार्च 2021 तक स्टाम्प ड्यूटी 3 परसेंट होगी.
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