संकटग्रस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत एक उम्मीद की किरण: जेटली
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संकटग्रस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत एक उम्मीद की किरण: जेटली

भारत को संकटग्रस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक चमकता सितारा बताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि नई भारत सरकार एक स्थिर, अनुमानयोग्य व पारदर्शी नीतिगत व्यवस्था की पेशकश कर रही है। इससे भारत निवेशकों के लिए निवेश की दृष्टि से आकर्षक गंतव्य बन चुका है।

संकटग्रस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत एक उम्मीद की किरण: जेटली

वाशिंगटन : भारत को संकटग्रस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक चमकता सितारा बताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि नई भारत सरकार एक स्थिर, अनुमानयोग्य व पारदर्शी नीतिगत व्यवस्था की पेशकश कर रही है। इससे भारत निवेशकों के लिए निवेश की दृष्टि से आकर्षक गंतव्य बन चुका है।

पिछले पांच दिन में जेटली न्यूयॉर्क व वाशिंगटन में अमेरिका के शीर्ष कारोबारी व कारपोरेट नेताओं से बातचीत कर चुके हैं। जेटली ने कल संवाददाताओं से कहा कि अभी तक उन्हें जो जानकारी मिली है उसके अनुसार निवेशक एक स्थिर नीति व्यवस्था चाहते हैं और भारत सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था के संकट के समय में भारत एक उम्मीद की किरण है। हमारी आर्थिक वृद्धि दर सुधर रही है। राजकोषीय अनुशासन नियंत्रण में है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस साल हम आठ प्रतिशत की वृद्धि दर का लक्ष्य कर रहे हैं, जो मौजूदा वैश्विक स्थिति में प्रभावशाली है। इसी वजह से भारत एक आकर्षक गंतव्य बना हुआ है। न्यूयार्क और वाशिंगटन में निवेशकों के साथ बैठक का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि ये बैठकें उन्हें अवसरों के बारे में जानकारी देने का मौका थीं कि पिछले एक साल के दौरान सुधार कार्यक्रमों की दृष्टि से क्या हुआ और पाइपलाइन में क्या है यानी आगे क्या आने वाला है।  

जेटली ने कहा कि सरकार इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे इससे हमारी अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिल सके। उन्होंने कहा कि इन बैठकों से यह भी पता चला कि निवेशक भारत को कैसे देखते हैं। उनका यह कार्यक्रम अगले तीन दिन तक जारी रहेगा। इसका आखिरी चरण आज से सैन फ्रांसिस्को में शुरू हो रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले एक साल के दौरान पासा पलटने वाले कई कदम उठाए हैं। हमने कई ढांचागत बदलाव किए हैं जिससे खुलापन आया है। हम वित्त आयोग की सिफारिशों का क्रियान्वयन कर रहे हैं जिससे बड़े पैमाने पर विकेंद्रीकरण हो सकेगा।

उन्होंने कराधान सुधारों के बारे में कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संभवत: इतिहास का सबसे बड़ा कराधान सुधार है। सब्सिडी को तर्कसंगत बनाया जा रहा है और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण व्यवस्था (डीबीटी) भी काफी महत्वपूर्ण है। सरकार के कामकाज में पारदर्शिता विशेषरूप से प्राकृतिक संसाधनों के मामले में, से हमें काफी महत्वपूर्ण नतीजे मिले हैं। जेटली ने कहा, यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है कि निवेशकों को बताया जाए कि हम उस दिशा के बारे में स्पष्ट हैं जिस ओर हम बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था ने वृहद आर्थिक स्थिरता हासिल की है।

 

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