आईएमएफ के उप प्रबंध निदेशक प्रथम डेविड लिप्टन ने कहा यह पहले ही मेरे हिसाब से 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
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नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अगर नीतियों का सही प्रबंधन कर लिया गया और सुधारों से समावेशी वृद्धि को बल मिला तो भारत मजबूत अर्थव्यवस्था वाला देश बन सकता है. आईएमएफ के उप प्रबंध निदेशक प्रथम डेविड लिप्टन ने न्यूज एजेंसी ‘भाषा’ से बातचीत के दौरान यह बात कही. आईएमएफ के उप प्रबंध निदेशक प्रथम डेविड लिप्टन ने कहा यह पहले ही मेरे हिसाब से 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन जनसंख्या व वृद्धि दर के हिसाब से इसमें और अधिक संभावनाए हैं.’
गरीबी में आएगी कमी
इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत की वृद्धि का असर गरीबी में कमी के आंकड़ों में दिखेगा. उन्होंने कहा ,‘हालांकि अभी बहुत कुछ किया जाना है. ताकि बैंकिंग प्रणाली को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाए रखने तथा एनपीए की पुरानी समस्या से निपटने को लेकर कभी कोई संशय नहीं हो.’ उन्होंने कहा कि भारत द्वारा लागू किए गए आर्थिक सुधारों के परिणाम सामने आने लगे हैं और इससे लोगों को फायदा भी हुआ है. इससे इस तरह के और कदम उठाने का आधार मजबूत हुआ है.
चुनावी साल में रुकेंगे आर्थिक सुधार
आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने गुरुवार को कहा कि उन्हें नहीं लगता कि चुनावी साल में भारत में आर्थिक सुधारों की रफ्तार कायम रह पाएगी. लेगार्ड ने कहा, ‘‘हमने इसे देखा और हम इसे देख रहे हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि अगले कुछ महीनों में हम ऐसा देखेंगे. चुनाव आ रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘चाहे आप जीएसटी की बात करें या दिवालिया कानून पर सुधारों की, ये अच्छे सुधार हैं. हम और सुधार चाहते हैं चाहे वे बैंकिंग क्षेत्र में हों या किसी अन्य क्षेत्र में.’’
इस साल 7.4 प्रतिशत रहेगी की वृद्धि दर
बीते 17 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान जताया था कि 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहेगी, जो 2019 में बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो जाएगी. वहीं, इन दो वर्षों के दौरान चीन की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर क्रमश: 6.6 और 6.4 प्रतिशत रहेगी.
वैश्विक वृद्धि दर बेहतर
आईएमएफ ने अगले दो वर्षों में वैश्विक वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. आईएमएफ का कहना था कि मजबूत रफ्तार, अनुकूल बाजार धारणा के साथ अन्य कारणों से वैश्विक वृद्धि दर बेहतर रहेगी. हालांकि, इसके साथ ही आईएमएफ ने चेताया है कि व्यापार विवादों से भरोसा डगमगा सकता और इससे वृद्धि की रफ्तार पटरी से उतर सकती है.