ग्लोबल इकोनॉमी में बड़ी भूमिका निभा सकता है भारत: मोदी
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ग्लोबल इकोनॉमी में बड़ी भूमिका निभा सकता है भारत: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में बड़ी भूमिका निभा सकता है जो कि नरमी का सामना कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने लघु उद्योगों का आह्वान किया कि वे ‘जीरो डिफेक्ट व जीरो इफेक्ट’ यानी बिना किसी खामी वाले और पर्यावरण पर शून्य प्रभाव वाले तरीकों से विनिर्माण कार्य करने की संस्कृति अपनाएं। मोदी ने देश में खादी उद्योग को बढावा देने की जरूरत पर भी जोर दिया।

ग्लोबल इकोनॉमी में बड़ी भूमिका निभा सकता है भारत: मोदी

लुधियाना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में बड़ी भूमिका निभा सकता है जो कि नरमी का सामना कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने लघु उद्योगों का आह्वान किया कि वे ‘जीरो डिफेक्ट व जीरो इफेक्ट’ यानी बिना किसी खामी वाले और पर्यावरण पर शून्य प्रभाव वाले तरीकों से विनिर्माण कार्य करने की संस्कृति अपनाएं। मोदी ने देश में खादी उद्योग को बढावा देने की जरूरत पर भी जोर दिया।

मोदी ने महिलाओं को लकड़ी के बने 500 चरखे वितरित किए और कहा कि किसी समय खादी का इस्तेमाल आजादी की लड़ाई में एक माध्यम के रूप में होता था और अब इसका इस्तेमाल फैशन के लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘आज हालात अलग हैं। देखना है कि खादी का विपणन कितने बेहतर ढंग से होता है। पहले ‘खादी फोर नेशन’ यानी देश के लिए खादी था अब ‘खादी फोर फैशन’ यानी फैशन के लिए खादी भी है।’ प्रधानमंत्री ने लोगों से खादी के उत्पाद इस्तेमाल करने की अपील की और कहा कि यह भारत के लिए प्राथमिकता है क्योंकि घर में चरखा अधिक आय लाता है।

प्रधानमंत्री ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों (एमएसएमई) के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह में भी हिस्सा लिया। मोदी ने इस अवसर पर कहा,‘ मैं उद्यमियों से जईड (जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट) आंदोलन में भाग लेने की अपील करता हूं। कम से कम 10 लाख इकाइयों को आगे आना चाहिए। हमने (जेईडी) प्रमाणन मानकों के लिए 50 मानक तय किए हैं। कृपया खुद को इनके अनुपालन में सक्षम बनाएं।’ 

इस अवसर पर मोदी ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति (एससी एवं एसटी) समुदाय के उद्यमियों की सहायता के लिये राष्ट्रीय एससी/एसटी केंद्र तथा एमएसएमई के लिए जेड प्रमाणन योजना की शुरआत की। उन्होंने कहा,‘ दलितों में उद्यमिता की भावना से हमें लाभ होगा। अनेक युवाओं का सपना उद्यम व रोजगार सृजित करना है।’ मोदी ने कहा कि वैश्विक नरमी के बीच भारत आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और वह विश्व अर्थव्यवस्था को संबल दे रहा है।

उन्होंने कहा,‘भारत की आर्थिक प्रगति के लिए एमएसएमई क्षेत्र महत्वपूर्ण है।’ आरंभिक 490 करोड़ रपये के निवेश से शुरू किया जा रहा यह केंद्र एससी एसटी उद्यमियों की बाजारों तक पहुंच व संपर्क बढाने, निगरानी, क्षमता निर्माण, वित्तीय सहायता से जुड़ी योजनाओं का लाभ उठाने तथा अपने उद्योग में सबसे अच्छी पद्धतियों को आपस में साझा करने में उनकी मदद करेगा। मोदी प्रदर्शनी स्थल पर भी गए और चरखे पर हाथ आजमाया।

एमएसएमई को राष्ट्रीय अवार्ड प्रदान करने के बाद उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार छोटे व मझौले उप्रकमों को बल देने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक बाजारों को लक्ष्य बनाना चाहिए और सरकार इस लक्ष्य को पाने में उद्यमियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दो साल सूखे का प्रभाव रहा और कृषि उत्पादन में काफी गिरावट आई, विनिर्माण क्षेत्र विशेषकर एमएसएमई ने यह सुनिश्चित किया कि देश की आर्थिक वृद्धि दर मजबूत रहे। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जबकि विश्व अर्थव्यवस्था एक बार फिर 2008 जैसी नरमी की आशंका से दोचार है भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और यह विश्व अर्थव्यवस्था को संबल दे रही है।

उन्होंने कहा कि खादी क्षेत्र विशेषकर महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराता है और मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था के महात्मा गांधी के सपने को मूर्त रूप देने में मददगार है। मोदी खादी की एक स्टाल पर भी गए और कहा कि वे खादी व इसकी पैकेजिंग में हुए सुधार को देख प्रभावित हैं।

 

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